बीकानेर, 3 अक्टूबर।
बीकानेर के विश्व विख्यात पुष्करणा ओलंपिक सावा की तारीख इस बार 10 फरवरी तय की गई है। समाज के ज्योतिषियों, पंचांगकर्ताओं और विद्वानों ने शास्त्रों के अनुसार चर्चा करने के बाद यह दिन चुना। अब धनतेरस पर विवाह से संबंधित सभी कार्यक्रमों के मुहूर्त इसी तारीख के अनुसार तय किए जाएंगे।
कहते हैं कि कभी यह कार्यक्रम हर चार साल में आयोजित होता था, लेकिन अब हर दो साल में आयोजित किया जाएगा। इस बार पुष्करणा सावे में लगभग 200 जोड़ों की शादी होगी।
पुष्करणा समाज सावा समिति ने विजयादशमी के दिन गौरी शंकर महादेव मंदिर में समाज के विद्वानों की बैठक आयोजित की। बैठक में सभी ने भगवान शिव और पार्वती को वर-वधु मानकर विवाह की उपयुक्त तारीख पर चर्चा की। शास्त्रों के आधार पर लंबी विचार-विमर्श के बाद अंततः 10 फरवरी का दिन चुना गया।
पिछले सौ वर्षों से पुष्करणा समाज हर चार साल में एक ही दिन विवाह आयोजित करता रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि विवाह में खर्च कम आए और समाज के गरीब परिवार भी लाभान्वित हों। इस दिन आयोजित विवाहों में बारात में कम लोग आते हैं, और आयोजन घर पर ही टेंट लगाकर किया जाता है।
समाज के लोग आर्थिक सहायता भी प्रदान करते हैं। दान, तेल, घी, मंडप आदि की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। कुछ लोग तो पूरे मंडप का खर्च उठाते हैं। सामाजिक संस्थाएं भी विवाह में सहयोग करती हैं।
पुष्करणा ओलंपिक सावा का आयोजन न केवल परंपरा का सम्मान है, बल्कि गरीब परिवारों और समाज के नवविवाहित जोड़ों के लिए आर्थिक एवं सामाजिक मदद का माध्यम भी है।