राज्यपाल पटेल ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया
भोपाल में राष्ट्रीय उद्यान वन विहार में आयोजित राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह के समापन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का परिणाम है। उन्होंने अपील की कि जहां भी उपयुक्त जगह मिले, वहां पेड़ जरूर लगाए जाएं।
बच्चों को संरक्षण की शिक्षा
राज्यपाल पटेल ने कहा कि नागरिकों को चाहिए कि बच्चों को बचपन से ही मानव और प्रकृति के सह-अस्तित्व की सीख दें। उन्होंने कच्छ के स्कूल के उदाहरण से बताया कि छोटे प्रयासों से भी बड़े बदलाव संभव हैं। बच्चों के साथ पौधरोपण और नियमित देखभाल से चार वर्षों में स्कूल की बाउंड्री वॉल बन गई।
वन्य जीव संरक्षण में सक्रिय भागीदारी
राज्यपाल ने वन और वन्य जीव को पारिस्थितिकी तंत्र की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि संतुलित विकास के साथ संरक्षण भी जरूरी है। वन विभाग, स्वयंसेवी संस्थानों और पर्यावरणविदों को ग्रामीण क्षेत्रों और स्कूलों तक पर्यावरण शिक्षा पहुंचाने के प्रयासों के लिए बधाई दी।
पुरस्कार और सम्मान
राज्यपाल पटेल ने वन विहार प्रबंधन और वन्य जीव संरक्षण में योगदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों और वनरक्षकों को पुरस्कृत किया। साथ ही 34 प्रतिभागियों को चित्रकला, फोटोग्राफी और अन्य प्रतियोगिताओं में पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
प्रदेश में संरक्षण के प्रयास
वन राज्य मंत्री और अन्य अधिकारियों ने कहा कि पेड़ और जीव-जंतुओं का सम्मान करना मानवता का सम्मान है। राज्यपाल पटेल ने इस दिशा में सरकार और समाज के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। चीतों की संख्या बढ़ाई गई और नए टाइगर रिजर्व और रेस्क्यू स्क्वाड का गठन किया गया।