सरकारी स्कूल शिक्षा में सुधार पर जोर
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस में शिक्षा में गुणात्मक सुधार सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा विकसित भारत के रोडमैप में मूलभूत है। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी स्कूल शिक्षक उपस्थिति शत-प्रतिशत सुनिश्चित की जाए।
शिक्षकों का प्रशिक्षण और निगरानी
मुख्य सचिव ने कहा कि गुणवत्ता सुधार के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण नियमित रूप से किया जाना चाहिए। दुर्गम क्षेत्रों के स्कूल भवनों की मरम्मत में स्थानीय व्यक्तियों की मदद ली जाए। श्रेष्ठ कौशल वाले शिक्षकों का ग्रुप बनाकर प्रशिक्षण का शेड्यूल तैयार किया जाएगा।
ई-अटेंडेंस ऐप का उपयोग
सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने बताया कि सरकारी शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ई-अटेंडेंस ऐप का उपयोग किया जा रहा है। राजगढ़ जिले में इसका प्रतिशत 94% है। इसके अलावा, कक्षा 10वीं और 12वीं में बोर्ड परीक्षा में 87% और 83% विद्यार्थी सफल हुए।
आंगनवाड़ी और छात्रावास सुधार
सचिव महिला एवं बाल विकास जी.वी. रश्मि ने आंगनवाड़ी केंद्रों में नवाचार और 3–6 वर्ष के बच्चों के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का विवरण दिया। जनजातीय कार्य विभाग ने आश्रम शाला और छात्रावास में 93% से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन सुनिश्चित किया। सितम्बर 2025 से परख ऐप के माध्यम से निरीक्षण किया जा रहा है।
मुख्य सचिव के निर्देश
- नामांकन दर सुधारने के लिए विभिन्न विभागों का समन्वय।
- स्कूल भवनों में स्थानीय व्यक्तियों की मदद।
- बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधार के लिए सघन प्रयास।
- सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर विद्यार्थियों को मिले।
- आंगनवाड़ी में पात्र बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन।
सरकारी स्कूल शिक्षक उपस्थिति और गुणात्मक सुधार के ये कदम मध्यप्रदेश में शिक्षा के स्तर को नई ऊँचाई पर ले जाएंगे।