गाजीपुर, 11 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की असली पहचान उसकी आध्यात्मिक चेतना और राष्ट्रीय भावना में निहित है। शनिवार को उन्होंने गाजीपुर स्थित सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ परिसर में आयोजित ‘राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता विषयक प्रबुद्धजन संवाद संगम’ में भाग लिया।
सीएम योगी ने कहा कि भारत तभी विश्वगुरु बन सकता है जब हर नागरिक अपनी आध्यात्मिक चेतना और राष्ट्रीय भावना से कार्य करे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण को केवल धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि भारत की आस्था और आत्मा के पुनर्जागरण का प्रतीक बताया। 2020 में राम मंदिर की आधारशिला और 2024 में गर्भगृह में भगवान श्रीराम के विराजमान होने तक की यात्रा भारत की एकता, संकल्प शक्ति और आस्था का प्रतीक है।
सीएम ने मठ-मंदिरों को केवल पूजा स्थल न बताते हुए कहा कि ये राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता के आधार स्तंभ हैं। जब समाज में वैमनस्य फैलाने की कोशिश होती है, तब मठ और संत समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं। उन्होंने वीर सपूतों और स्थानीय शौर्य की मिसाल देते हुए गाजीपुर की वीर भूमि का उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने ब्रह्मलीन महंत रामाश्रय दास की प्रतिमा का अनावरण किया और महाविद्यालय परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने विद्यार्थियों और उपस्थित जनों से राष्ट्र और संस्कृति के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने का आह्वान किया।
सीएम योगी ने कहा कि आस्था और विकास का संगम ही नया भारत बनाएगा, और प्रत्येक नागरिक की आध्यात्मिक चेतना और कर्मभूमि पर आधारित कार्य ही देश को सशक्त और समृद्ध बनाएगा।