राष्ट्र सेविका समिति का पथ संचलन आज
उज्जैन, 12 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्र सेविका समिति का पथ संचलन रविवार अपराह्न 4 बजे क्षीरसागर उद्यान से निकलेगा। इस कार्यक्रम में जिले की लगभग 500 बहनें भाग लेंगी और निष्ठा, अनुशासन तथा मातृशक्ति का संदेश देंगी।
कार्यक्रम और मार्ग विवरण
पथ संचलन का आरंभ क्षीरसागर उद्यान से होगा। इसके बाद यह सुभाषचंद्र बोस मार्ग, चरक हॉस्पिटल, आगर रोड, चामुंडा माता मंदिर चौराहा, देवास गेट, मालीपुरा और दौलतगंज होकर नई सड़क से होते हुए पुनः क्षीरसागर उद्यान लौटेगा।
कार्यक्रम की विशेषताएं
राष्ट्र सेविका समिति की जिला कार्यवाहिका दीपा पांडेय ने बताया कि इस वर्ष समिति अपने 90वें स्थापना वर्ष में प्रवेश कर रही है। कार्यक्रम में बौद्धिक सत्र प्रांत शारीरिक प्रमुख निधि शर्मा द्वारा दिया जाएगा, जबकि अध्यक्षता अल्पना दुभाषे करेंगी।
उज्जैन, घट्टिया, घोंसला और महिदपुर क्षेत्र की सेविकाएं भी इस पथ संचलन में शामिल होंगी।
संगठन का इतिहास
राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना वर्ष 1936 में विजयादशमी के दिन वर्धा में लक्ष्मीबाई केलकर (मौसीजी) ने की थी। यह संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से अस्तित्व में आया। संगठन महिलाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार करता है।
सेविकाओं की भूमिका
समिति की सेविकाएं शारीरिक प्रशिक्षण, आत्मरक्षा, सांस्कृतिक शिक्षा और सामाजिक सेवा के कार्यों में सक्रिय हैं। मातृत्व, कर्तव्य और नेतृत्व इसके तीन प्रमुख सिद्धांत हैं। आज देश और विदेश में हजारों शाखाएं राष्ट्र सेविका समिति का पथ संचलन और सेवा कार्यों के माध्यम से राष्ट्र को नई दिशा दे रही हैं।