सीएम सुक्खू का बड़ा बयान
शिमला, 04 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में बताया कि शिमला की भीड़ और ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए सरकार ने अब तक सात दफ्तरों को शिमला से बाहर स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न किसी को लाभ देने के लिए है और न किसी को परेशान करने के लिए—इसका एकमात्र उद्देश्य शिमला में बढ़ रही अव्यवस्था को नियंत्रित करना है।
शिमला पर बढ़ रहा दबाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला मूल रूप से 25 हजार की आबादी के लिए बसाया गया था, जबकि आज आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर यहां 4 से 5 लाख लोग रहते हैं। इससे रोज़ भारी ट्रैफिक जाम लगता है और आम जनता का समय बर्बाद होता है। उन्होंने कहा कि कई नए सरकारी भवन वर्षों से खाली पड़े हैं, जबकि शिमला में कई दफ्तर किराए पर चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में खाली भवनों का इस्तेमाल करना समझदारी है।
कौन-कौन से दफ्तर शिफ्ट हुए?
सीएम सुक्खू ने जानकारी दी कि शिमला से बाहर जिन कार्यालयों को भेजा गया है, उनमें शामिल हैं—
- भवन एवं निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड – हमीरपुर
- कौशल विकास निगम – सुंदरनगर (मंडी)
- प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य प्राणी) – धर्मशाला
- हिमाचल प्रदेश रेरा – धर्मशाला
- पर्यटन विकास निगम (MD कार्यालय) – धर्मशाला
- राज्य नशा निवारण बोर्ड – हमीरपुर
- आर्म्ड पुलिस एवं ट्रेनिंग ऑफिस – डरोह (कांगड़ा)
हालांकि रेरा कार्यालय का मामला हाईकोर्ट में लंबित होने से फिलहाल वह शिमला से ही संचालित हो रहा है।
दो प्रस्ताव विचाराधीन
मुख्यमंत्री ने बताया कि दो और दफ्तरों के स्थानांतरण पर विचार किया जा रहा है—
- राज्य सूचना आयोग – शिमला से धर्मशाला
- राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण – शिमला से ऊना
अन्य प्रस्तावों का भी विस्तार से अध्ययन किया जा रहा है।




