Tue, Dec 16, 2025
23 C
Gurgaon

उत्तराखंड सहित देश में तेज़ी से बढ़ रहे वैवाहिक अपराधों पर गंभीर मंथन

उत्तराखंड सहित देश में तेज़ी से बढ़ रहे वैवाहिक अपराधों पर गंभीर चिंतन

देहरादून। क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल ऑफ इंडिया के तृतीय संस्करण के दौरान आयोजित एक विशेष सत्र में उत्तराखंड सहित पूरे भारत में तेज़ी से बढ़ रहे वैवाहिक अपराधों पर गहन, तथ्यात्मक और ज़मीनी चर्चा की गई। यह सत्र “एक निजी जासूस की नज़र से वैवाहिक अपराध” विषय पर केंद्रित रहा, जिसमें तियानझू इन्वेस्टिगेटिव सर्विसेज के संस्थापक एवं प्रसिद्ध निजी जासूस डिटेक्टिव देव गोस्वामी मुख्य पैनलिस्ट के रूप में शामिल हुए।

राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित इस सत्र का संचालन जानी-मानी लेखिका रूबी गुप्ता ने किया। चर्चा के दौरान डिटेक्टिव देव गोस्वामी ने अपने वर्षों के अनुभव साझा करते हुए बताया कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड के शहरी और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में वैवाहिक धोखाधड़ी और अपराधों में चिंताजनक वृद्धि देखने को मिली है। यही प्रवृत्ति अब देश के लगभग सभी राज्यों में सामने आ रही है।

संगठित अपराध का रूप ले रहे हैं वैवाहिक मामले

डिटेक्टिव गोस्वामी के अनुसार, आज के समय में वैवाहिक अपराध केवल घरेलू विवादों तक सीमित नहीं रह गए हैं। इनमें अब फर्जी पहचान, पहले से हुई शादी को छुपाना, झूठी नौकरी और आय का दावा, आर्थिक ठगी, भावनात्मक शोषण, डिजिटल माध्यमों से धोखाधड़ी और योजनाबद्ध विवाह जैसे गंभीर और संगठित अपराध शामिल हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे शांत और सुरक्षित माने जाने वाले राज्य भी अब इन अपराधों से अछूते नहीं रहे, जो समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी संकेत है।

‘सावधान इंडिया’ के निर्देशक भी हुए हैरान

इस सत्र में लोकप्रिय टीवी क्राइम शो “सावधान इंडिया” के निर्देशक अनिरबन भट्टाचार्य भी मौजूद रहे। डिटेक्टिव गोस्वामी द्वारा सुनाई गई वास्तविक घटनाओं को सुनकर वे भी स्तब्ध रह गए।

अनिरबन भट्टाचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

“इस तरह के संगठित और खतरनाक वैवाहिक अपराध मैंने अपने धारावाहिक में भी नहीं दिखाए। मुझे अंदाज़ा नहीं था कि भारत में ज़मीनी स्तर पर हालात इतने गंभीर हैं।”

विवाह-पूर्व जांच को बताया कानूनी और आवश्यक

डिटेक्टिव देव गोस्वामी ने स्पष्ट किया कि प्री-मैट्रिमोनियल जांच (विवाह-पूर्व जांच) पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया है। इसमें सार्वजनिक रिकॉर्ड, व्यवहारिक विश्लेषण और मैदानी सत्यापन के माध्यम से तथ्यों की पुष्टि की जाती है। इसका उद्देश्य विवाह से पहले सच्चाई सामने लाकर भविष्य में होने वाले अपराधों, कानूनी विवादों और मानसिक आघात से लोगों को सुरक्षित रखना है।

समाज के लिए चेतावनी

इस सत्र ने यह स्पष्ट कर दिया कि वैवाहिक अपराध अब एक व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक और कानूनी चुनौती बन चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता, सत्यापन और कानूनी जानकारी ही इन अपराधों पर नियंत्रण का सबसे प्रभावी उपाय है।

Archita phukan का वायरल वीडियो लिंक, क्या है नजारा?

असम की सोशल मीडिया सनसनी Archita phukan, उर्फ बेबीडॉल आर्ची, ने ‘डेम अन ग्रर’ पर बोल्ड डांस वीडियो से इंटरनेट पर धूम मचा दी। लेकिन MMS लीक और पॉर्न इंडस्ट्री की अफवाहों ने विवाद खड़ा कर दिया। वीडियो में क्या है नजारा, और क्या है सच?

SGT University में नजीब जंग ने की डिस्टेंस और ऑनलाइन एजुकेशन सेंटर की घोषणा!

SGT यूनिवर्सिटी में नजीब जंग ने सिर्फ प्रेरणा नहीं दी, बल्कि एक नई शिक्षा क्रांति की नींव भी रखी। क्या है इसकी खासियत?

SGT विश्वविद्यालय में रक्तदान शिविर: चरक जयंती पर मानवता की अनमोल मिसाल

SGT विश्वविद्यालय में चरक जयंती पर लगे रक्तदान शिविर ने आयुर्वेद की मूल भावना – सेवा और करुणा – को जीवंत किया।

अर्चिता फुकन का वायरल वीडियो: बेबीडॉल आर्ची की ‘डेम अन ग्रर’ पर सिजलिंग मूव्स ने मचाया तहलका, लेकिन क्या है असली कहानी?

असम की सोशल मीडिया स्टार अर्चिता फुकन, उर्फ बेबीडॉल आर्ची, ने ‘डेम अन ग्रर’ पर बोल्ड डांस मूव्स से इंटरनेट पर धूम मचा दी। लेकिन MMS लीक और पॉर्न इंडस्ट्री की अफवाहों ने विवाद खड़ा कर दिया। क्या है वायरल वीडियो की सच्चाई?
spot_img

Related Articles

Popular Categories