📜 प्रधानमंत्री मोदी संस्कृत श्लोक से दिया जीवन मंत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक प्राचीन संस्कृत श्लोक साझा कर भारतीय दर्शन और विद्वत्ता की महान परंपरा को उजागर किया है। प्रधानमंत्री मोदी संस्कृत श्लोक के माध्यम से उन्होंने सच्चे पंडित की पहचान बताई।
प्रधानमंत्री द्वारा साझा किया गया श्लोक है –
“यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः।
समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते।”
🧠 श्लोक का गूढ़ अर्थ
इस श्लोक का अर्थ है –
जिस व्यक्ति के कर्तव्यों को न तो सर्दी-गर्मी, न भय, न सुख, न धन और न ही गरीबी प्रभावित करती है, वही सच्चा विद्वान कहलाता है। यह विचार चाणक्य नीति और भारतीय सुभाषित परंपरा से जुड़ा हुआ है।
🔥 आज के समय में प्रासंगिक संदेश
प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश आज के समय में और भी अधिक महत्वपूर्ण है। जब जीवन में तनाव, प्रतिस्पर्धा और अनिश्चितता बढ़ रही है, तब यह श्लोक आत्म-संयम, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा का मार्ग दिखाता है।
🇮🇳 भारतीय ज्ञान परंपरा का सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी संस्कृत श्लोक के जरिए देश की प्राचीन वैदिक और नैतिक परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। यह श्लोक बताता है कि असली विद्वान वही होता है जो हर परिस्थिति में अपने कर्तव्य से विचलित न हो।




