— स्वर साधिका की तलाश में महाकुंभ पहुँचे 37 वर्षीय डिजिटल बाबा
महाकुम्भनगर, 14 जनवरी (हि.स.)। सनातन संस्कृति का सबसे बड़े समागम प्रयागराज महाकुम्भ सम्पूर्ण विश्व के लिए आश्चर्य से कम नहीं है। यहां पर सनातन धारा को मानने वाले सभी मत पंथ सम्प्रदायों के त्यागी, तपस्वी, संत, महंत, सन्यासी वैरागी, आचार्य महामण्डलेश्वर व शंकराचार्य तक भक्ति का रसपान करने आते हैं। वहीं कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में लोग सन्यास भी ग्रहण करते हैं। वहीं 37 वर्षीय डिजिटल बाबा स्वर साधिका की तलाश में प्रयागराज महाकुम्भ पहुंचे हैं। 15 वर्ष से अध्यात्म में पूरी तरह से रमे डिजिटल बाबा ने अब जीवन संगिनी की तलाश के लिए अपने कई परिचित लोगों को कह दिया है कि मेरे अनुकूल कोई नजर आये तो हम अवश्य विवाह करेंगे।
डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि सनातन धर्म में सन्यास से निवृत्त होने की भी पद्धति है। उन्होंने बताया कि पहले तो करीब एक दशक तक हम विवाह करने के विचार से खुद को दूर रखें पर इस बीच जीवन में धीरे—धीरे विवाह की सार्थकता को समझने लगा हूँ। अब मन मे यह निष्कर्ष आया है कि मेरे विचारों को समझने वाली अंतर्मुखी व्यक्तित्व से सम्पन्न संगीत की कोई उत्तम स्वर साधिका कभी मिली तो उस आत्मा के साथ विवाह कर जीवन जीना चाहेंगे। इसके पीछे मेरा एक अलौकिक स्वार्थ है कि इस जीवन मे संगीत के स्वरों को, सुर की गहराई को ठीक से अनुभव कर सकूं। बाकी हरि इच्छा अपनी यह इच्छा भी हमने भगवान के सामने अर्पित कर रखी है जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये। जो मेरे लिये सही होगा ईश्वर मेरे लिये वही करेंगे।
युवा पीढ़ी से अनोखे अंदाज में रूबरू होते हैं डिजिटल बाबा सोशल मीडिया पर डिजिटल बाबा के नाम से मशहूर आध्यत्मिक गुरु स्वामी राम शंकर महाराज का लोगों से डिजिटल रूबरू होने का अंदाज बेहद निराला है। इन दिनों महाकुम्भ में हाथ में ट्राइपॉड, कैमरा, वायरलेस माइक लिये कुम्भ के पलों को पूरी दुनियां के समक्ष अपने सोशल मीडिया पेज पर लाइव कर रहें हैं। इतना ही नहीं सामान्य व्यक्ति के समान बिना ताम झाम के दिन भर डिजिटल बाबा कुम्भ में आये साधु संतों एवं श्रद्धालु जनों से मुखातिब हो रहे हैं। लोगों से हो रही बातचीत को सोशल मीडिया में बड़ी तत्परता से साझा भी कर रहे हैं।