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सनातन के उत्थान के लिए काम कर रहे मोदी योगी : स्वामी रामशंकर

महाकुम्भनगर, 15 जनवरी (हि.स.)। सोशल मीडिया पर डिजिटल बाबा के नाम से मशहूर आध्यत्मिक गुरु स्वामी राम शंकर महाराज प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे हुए हैं। डिजिटल बाबा का लोगों से डिजिटल रूबरू होने का अंदाज बेहद निराला हैं। हाथ में ट्राइपॉड, कैमरा,वायरलेस माइक लिये कुम्भ के पलों को पूरी दुनियां के समक्ष अपने सोशल मीडिया पेज पर लाइव कर रहें है।

डिजिटल बाबा कुम्भ में आये साधु संतों एवं श्रद्धालु जनों से मुखातिब हो रहे हैं। लोगों से हो रही बातचीत को वह सोशल मीडिया में बड़ी ततपरता से साझा भी कर रहे हैं । वह सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म का उपयोग भी कर रहे हैं। डिजिटल बाबा के फेसबुक पेज पर करीब सवा तीन लाख लोग फॉलो करते हैं। प्रस्तुत है उनसे हिन्दुस्थान समाचार के वरिष्ठ संवाददाता बृजनन्दन राजू से बातचीत के प्रमुख अंश। डिजिटल बाबा ने विस्तार से अध्यात्म व युवाओं से जुड़े प्रश्नों के उत्तर दिये।

प्रश्न:आजकल युवा अधिकांश समय सोशल मीडिया पर दे रहे हैं,क्या कहेंगे?

उत्तर: आजकल का युवा सोशल मीडिया में उलझ गया है। सोशल मीडिया की लत उनके जीवन के उत्थान में बाधक है। हम सोशल मीडिया के माध्यम से युवा पीढ़ी के साथ जुड़ कर उन्हें आध्यात्मिक मार्ग की ओर चलने हेतु प्रेरित कर रहे हैं क्योंकि आध्यात्म ज्ञान ही हमारे भटकाव को दूर कर हमारे जीवन को पूर्णता प्रदान करती हैं । ध्यान रहे चमत्कार से लोग आकर्षित हो सकते है पर आत्मा की तृप्ति के लिये आत्मज्ञान ही एकमात्र साधन है।

प्रश्न:युवाओं में धर्म व अध्यात्म के प्रति रूचि कम क्यों दिखाई पड़ती है?

उत्तर:ऐसा नहीं है कि युवाओं में धर्म व अध्यात्म के प्रति अनुराग नहीं है। भारत अध्यात्म की भूमि है। बशर्ते युवा अपने कैरियर को लेकर तनाव में रहते हैं। युवा अध्यात्म से जुड़ जायेंगे तो तनाव मुक्त रहेंगे। डिजिटली रूप से यह कुंभ युवाओं में काफी लोकप्रिय हो रहा है। युवा सनातन से जुड़ रहा है। बड़ी संख्या में युवा महाकुंभ में आ रहे हैं। युवा यहां आयेंगे तो सनातन धर्म के बारे में जानेंगे।

प्रश्न:साधु संगति आपने कहां की और कब दीक्षा ली?

उत्तर:गोरखपुर में हम पले बढ़े व बी. काम. तक की पढ़ाई पूरी कर। वर्ष 2008 में अयोध्या के लोमश ऋषि आश्रम के महंत स्वामी शिवचरण दास महराज से दीक्षा प्राप्त की। इसके बाद वानप्रस्थ साधक ग्राम आश्रम साबरकांठा गुजरात, कलवा गुरुकुल जींद हरियाणा, संदीपनी हिमालय गुरुकुल चिन्मय मिशन धर्मशाला हिमाचल, बिहार स्कूल ऑफ योगा रिखियापीठ देवघर झारखंड, कैवल्यधाम योग संस्थान लोनावला महराष्ट्र आदि स्कूलो में रह कर शास्त्रों, उपनिषद, रामायण, श्रीमद्भागवत गीता अद्वैत – वेदांत का अध्ययन किया।

प्रश्न:महाकुंभ से जुड़ी व्यवस्थाओं के बारे में आप का क्या कहना है?

उत्तर: महाकुंभ में पहली बार हम आये हैं। इससे पहले 2019 के कुंभ में हम आये थे। इस बार यहां पर श्रद्धालुओं की व्यवस्था को देखकर और अच्छा लग रहा है। आम श्रद्धालु महाकुंभ में आकर बहुत प्रसन्न है। केन्द्र व प्रदेश की सरकार ने बहुत अच्छे से तैयारी की है।

मोदी व योगी सनातन के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं।

प्रश्न:युवाओं के लिए महाकुंभ से आपका क्या संदेश है?

उत्तर :युवाओं से हम यही कहना चाहेंगे कि जीवन के विकास के लिए जो करना है वह करें लेकिन अपनी जिंदगी से धर्म व अध्यात्म को अलग न करें। प्रतिकूलता मेंं धर्म व अध्यात्म हमें सहारा देता है। इससे हमारी जिंदगी स्थिर होती है।

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