नई दिल्ली, 16 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को स्टार्टअप इंडिया पहल की नौवीं वर्षगांठ पर कहा कि यह एक ऐतिहासिक पहल है, जिसने नवाचार, उद्यमिता और विकास को फिर से परिभाषित किया है। उन्होंने युवाओं से स्टार्टअप को बढ़ाने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि आप निराश नहीं होंगे।
मोदी ने भारतीय स्टार्टअप्स के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि भारत की युवा शक्ति की ताकत और कौशल पर गर्व है, जिसने भारत को स्टार्टअप्स के लिए सबसे आकर्षक स्थानों में से एक बना दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा कि आज हम स्टार्टअप इंडिया के 9 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, यह एक ऐतिहासिक पहल है, जिसने नवाचार, उद्यमिता और विकास को फिर से परिभाषित किया है। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो मेरे दिल के बहुत करीब है, क्योंकि यह युवा सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने का एक शक्तिशाली तरीका बनकर उभरा है। पिछले नौ वर्षों में, इस परिवर्तनकारी कार्यक्रम ने अनगिनत युवाओं को सशक्त बनाया है, उनके अभिनव विचारों को सफल स्टार्टअप में बदल दिया है।
उन्होंने कहा कि जहां तक सरकार का सवाल है, हमने स्टार्टअप की संस्कृति को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हमारी नीतियों ने ‘कारोबार में आसानी’, संसाधनों तक अधिक पहुंच और सबसे महत्वपूर्ण बात, हर मोड़ पर उनका समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित किया है। हम सक्रिय रूप से नवाचार और इनक्यूबेशन केंद्रों को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि हमारे युवा जोखिम उठाने वाले बनें। मैं व्यक्तिगत रूप से उभरते स्टार्टअप के साथ नियमित रूप से बातचीत करता रहा हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया की यह सफलता दर्शाती है कि आज का भारत गतिशील, आत्मविश्वासी और भविष्य के लिए तैयार है। इस यात्रा को चिह्नित करते हुए, हम एक उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जो हर सपने को पूरा करता है और आत्मनिर्भर भारत में योगदान देता है। मैं स्टार्टअप की दुनिया के हर युवा को बधाई देता हूं और अधिक से अधिक युवाओं से इसे आगे बढ़ाने का आग्रह करता हूं। यह मेरा आश्वासन है कि आप निराश नहीं होंगे।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य नवाचार को प्रोत्साहन देना और देश भर में स्टार्टअप की प्रगति को उत्प्रेरित करना है। 15 जनवरी, 2025 तक उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर से मान्यता प्राप्त 1.59 लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ, भारत ने स्वयं को दुनिया के तीसरे-सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में मजबूती से स्थापित किया है। 100 से अधिक यूनिकॉर्न की ओर से संचालित यह जीवंत इकोसिस्टम, वैश्विक मंच पर नवाचार और उद्यमशीलता को लगातार परिभाषित करता है। बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख केंद्रों ने इस परिवर्तन का नेतृत्व किया है, जबकि छोटे शहरों ने देश की उद्यमशीलता की गति में तेजी से योगदान दिया है।
फिनटेक, एडटेक, हेल्थ-टेक और ई-कॉमर्स में स्टार्टअप ने स्थानीय चुनौतियों का सामना किया है और वैश्विक मान्यता हासिल की है। जोमैटो, नाइका और ओला जैसी कंपनियां भारत के नौकरी चाहने वालों से नौकरी देने वालों की ओर परिवर्तन को दर्शाती हैं, जिससे आर्थिक प्रगति हो रही है।