-पुल बनने से सरल हो जाएगी द्वितीय केदार की यात्रा
रुद्रप्रयाग, 25 मार्च (हि.स.)। समुद्रतल से 11473 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित द्वितीय केदार मद्महेश्वर के दर्शनों को श्रद्धालुओं को रांसी से मंदिर तक 18 किमी पैदल दूरी तय करनी होनी है। रांसी से गौंडार तक छह किमी रास्ता ढलान वाला है। वहीं, गौंडार से मंदिर तक रास्ता हल्की चढ़ाई व कैंचीदार मोड़ वाला है। गौंडार गांव से मंदिर तक जाने के लिए सबसे पहले सरस्वती नदी को पार करना होता है।
अगस्त 2023 से पूर्व नदी पर पैदल पुल था, जिससे मंदिर तक की राह आसान थी, पर अतिवृष्टि में पुल के बहने के बाद से द्वितीय केदार की यात्रा कामचलाऊ लकड़ी की पुलिया के सहारे संचालित हो रही है। पुल के ध्वस्त होने के बाद से लोनिवि ऊखीमठ डिवीजन द्वारा यहां सरस्वती नदी पर स्थायी पुल निर्माण को लेकर कई बार के सर्वेक्षण किए गए। विभाग ने रास्ते से दस मीटर दाए और बाए तरफ सर्वेक्षण कर स्टील पुल निर्माण की संभावनाओं को खंगाला गया, पर बात नहीं बन पाई। बाद में 90 मीटर स्पान और 1.8 मीटर चौड़े झूला पुल का निर्णय लिया गया, जिसके निर्माण के लिए भू-गर्भीय सर्वेक्षण सहित अन्य जरूरी जांचें पूरी की गईं।
अब, विभाग ने पुल निर्माण के लिए शासन को 7 करोड़ 27 लाख रुपये की डीपीआर भेजी दी है, जिससे आगामी वित्त वर्ष के शुरू में ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। यही नहीं, वन भूमि हस्तांतरण सहित वन संपदा क्षतिपूर्ति और अन्य अभिलेखों को समयबद्ध पूरा करने के लिए विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इधर, ग्राम पंचायत गौंडार के निवर्तमान ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार, अजय सिंह पंवार, अभिषेक पंवार, बलवीर सिंह पंवार आदि का कहना है कि झूला पुल बनने से द्वितीय केदार की यात्रा पूर्व की भांति सरल हो जाएगी। साथ ही ग्रामीणों को रोजमर्रा जीवन में हो रही दिक्कतें भी दूर हो जाएगी।
लकड़ी की पुलिया के सहारे संचालित हो रही यात्रा
रुद्रप्रयाग। 14 अगस्त 2023 को सरस्वती नदी पर निर्मित स्टील गार्डर पुल अतिवृष्टि से ध्वस्त हो गया था, तब से द्वितीय केदार की यात्रा काम चलाऊ व्यवस्था के तहत लकड़ी की पुलिया से होकर गुजर रही है। साथ ही गौंडार गांव के ग्रामीण भी इसी पुलिया से होकर अपने पशुपालन, खेती के काम के लिए आवाजाही करने को मजबूर हैं। इस वर्ष भी आगामी मई में शुरू होने वाली द्वितीय केदार की यात्रा इसी पुलिया से होकर गुजरेगी।
लोक निर्माण विभाग, डिवीजन ऊखीमठ के सहायक अभियंता नरेंद्र कुमार ने बताया कि रांसी-गौंडार-मद्महेश्वर पैदल मार्ग पर गौंडार गांव के समीप सरस्वती नदी पर 90 मीटर स्पान का झूला पुल का निर्माण किया जाएगा। प्रारंभिक सर्वेक्षण पूरा कर पुल निर्माण के लिए शासन को 727 लाख रुपये की डीपीआर भेजी दी गई है। उम्मीद है कि आगामी अप्रैल-मई में इसे स्वीकृति मिल जाएगी। साथ ही अन्य औपचारिकताओं को भी पूरा किया जा रहा है।