अजमेर, 9 मार्च (हि.स.)। पुष्कर में वरिष्ठ अधिवक्ता की हत्या के विरोध में जारी आंदोलन रविवार सुबह समाप्त हो गया। अधिवक्ताओं और प्रशासन के बीच पांच सूत्रीय मांगों पर सहमति बन गई, जिसमें 35 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी, शराब ठेके का बंद होना और अवैध डीजे पर पाबंदी शामिल हैं।
इसके साथ ही मृतक अधिवक्ता पुरुषोत्तम जाखोटिया का पोस्टमॉर्टम पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड द्वारा जेएलएन अस्पताल की मॉर्च्युरी में किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया है।
अजमेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने बताया कि अधिवक्ता समुदाय न्याय की मांग को लेकर आंदोलनरत था। सरकार और प्रशासन से लगातार बातचीत के बाद रविवार सुबह सहमति बनी। प्रशासन ने 35 लाख रुपये मुआवजे के रूप में देने, परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी देने और शराब ठेके को बंद करने की मांग मान ली है। साथ ही, अवैध डीजे पर पाबंदी लगाने और पुलिस थाने में कार्यरत स्टाफ पर जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया गया है।
मॉर्च्युरी में अधिवक्ता समुदाय के लोग एकत्रित हैं, जहां अतिरिक्त जिला कलेक्टर गजेंद्र सिंह, एडिशनल एसपी हिमांशु जांगिड़ और अन्य अधिकारी भी मौजूद हैं। पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा और पुष्कर में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शनिवार को अधिवक्ताओं ने मांगें नहीं माने जाने पर रेल रोकने और हाईवे जाम करने की चेतावनी दी थी। इसके मद्देनजर आरपीएफ को रेलवे स्टेशन पर अलर्ट पर रखा गया और हाईवे पर भी पुलिस बल तैनात किया गया था।
अब जब प्रशासन और अधिवक्ताओं के बीच सहमति बन गई है, विरोध समाप्त हो चुका है, लेकिन अधिवक्ताओं ने प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर भविष्य में आंदोलन जारी रखने का संकेत दिया है।