बाल विवाह मुक्त अररिया का लिया गया संकल्प
अररिया, 28 नवंबर (हि.स.)। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जिले में गुरुवार और शुक्रवार को विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों, शिक्षकों, छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बाल विवाह मुक्त अररिया बनाने का संकल्प लिया।
स्कूल–कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम
अभियान की प्रथम वर्षगांठ पर जिले के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम हुए। छात्र–छात्राओं को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया और उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए आगे आने का आह्वान किया गया।
डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कार्यक्रम
शुक्रवार को आत्मन सभागार में जिलाधिकारी अनिल की अध्यक्षता में मुख्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। डीएम ने अधिकारियों, शिक्षकों और सामाजिक संगठनों को शपथ दिलाई कि जिला प्रशासन बाल विवाह की किसी भी घटना को रोकने के लिए पूरी गंभीरता से काम करेगा। सभी उपस्थित लोगों ने प्रतिबद्धता जताई कि वे बाल विवाह की सूचना मिलने पर तुरंत प्रशासन को अवगत कराएंगे।
बाल विवाह से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा
वक्ताओं ने कहा कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो बालिकाओं को असमय मातृत्व, स्वास्थ्य जटिलताओं और शिक्षा से वंचित कर देती है। यह कुप्रथा न केवल लड़कियों के अधिकारों का हनन करती है, बल्कि अररिया के विकास को भी बाधित करती है। इसलिए समन्वित प्रयास बेहद जरूरी हैं।
सामाजिक सहभागिता पर जोर
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि बाल विवाह मुक्त अररिया बनाना तभी संभव है जब प्रशासनिक तंत्र, शिक्षा संस्थान, समुदाय और अभिभावक एकजुट होकर जागरूकता फैलाएं और प्रत्येक बालक–बालिका के लिए सुरक्षित और शिक्षित भविष्य सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी, पुलिस प्रतिनिधि, शिक्षाविद और समाजसेवी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।



