ढाका। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के खिलाफ आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान हादी का गुरुवार को सिंगापुर में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनकी मौत की खबर फैलते ही राजधानी ढाका में हालात बेकाबू हो गए और देर रात तक हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं।
इलाज के दौरान हुआ निधन
प्रमुख मीडिया समूह प्रथम आलो ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से बताया कि शरीफ उस्मान हादी का सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया।
गौरतलब है कि 12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान अज्ञात हमलावरों ने हादी के सिर में गोली मार दी थी। गंभीर हालत में उन्हें पहले ढाका के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 15 दिसंबर को एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर रेफर किया गया था।
ढाका में भड़की हिंसा
हादी की मौत की खबर मिलते ही उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए। बड़ी संख्या में उग्र भीड़ ने
- जगह-जगह आगजनी की
- आवामी लीग के कार्यालयों को निशाना बनाया
- शेख हसीना और भारत विरोधी नारे लगाए
इस दौरान कई मीडिया संस्थानों को भी नहीं बख्शा गया। प्रथम आलो और डेली स्टार के कार्यालयों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं। समर्थकों ने प्रशासन पर हादी की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया।
सरकार की अपील और राष्ट्रीय शोक
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए लोगों से शांत रहने और कानून हाथ में न लेने की अपील की। उन्होंने शरीफ उस्मान हादी को एक निडर योद्धा बताते हुए कहा कि उनकी हत्या के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की और यह भी वादा किया कि सरकार हादी की पत्नी और इकलौते बच्चे की जिम्मेदारी लेगी।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
शरीफ उस्मान हादी जुलाई 2024 में शेख हसीना सरकार विरोधी आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शामिल थे। उन्होंने आवामी लीग पर संवैधानिक प्रतिबंध की मांग की थी। हादी शेख हसीना के कट्टर विरोधी और भारत विरोधी बयानों के लिए भी जाने जाते थे। वह आगामी चुनाव में ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में प्रचार कर रहे थे, इसी दौरान उन पर जानलेवा हमला हुआ था।




