बस्तर ओलम्पिक का समापन बना ऐतिहासिक क्षण
संभागस्तरीय बस्तर ओलम्पिक का भव्य समापन समारोह शनिवार को एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बना, जब भारतीय फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया ने कार्यक्रम में शिरकत की। उनकी उपस्थिति ने न केवल आयोजन की गरिमा बढ़ाई, बल्कि बस्तर के युवा खिलाड़ियों में नया जोश और ऊर्जा भर दी।
खिलाड़ियों के बीच पहुंचे ‘सिक्किमी स्नाइपर’
भारतीय फुटबॉल में ‘सिक्किमी स्नाइपर’ के नाम से मशहूर बाईचुंग भूटिया विशेष रूप से बस्तर ओलम्पिक के समापन अवसर पर जगदलपुर पहुंचे। उन्होंने मंच से ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के बीच जाकर उनसे संवाद किया और उनके खेल के प्रति समर्पण व मेहनत की सराहना की। अपने आदर्श खिलाड़ी को सामने पाकर बस्तर के युवा खिलाड़ी बेहद उत्साहित और प्रेरित नजर आए।
प्रेरणा का जीवंत उदाहरण
बाईचुंग भूटिया भारतीय फुटबॉल इतिहास के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन किया। वह इंग्लैंड के बरी फुटबॉल क्लब के लिए खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर रहे हैं। 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने और लंबे समय तक भारतीय टीम की कप्तानी करने वाले भूटिया को अर्जुन पुरस्कार और पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।
बस्तरिया खिलाड़ियों को मिला नया आत्मविश्वास
भूटिया के प्रेरक शब्दों और सहज व्यवहार ने बस्तर के खिलाड़ियों को यह भरोसा दिलाया कि प्रतिभा किसी क्षेत्र या संसाधनों की मोहताज नहीं होती। खिलाड़ियों की आंखों में बड़े सपनों को साकार करने की चमक साफ दिखाई दी।
यादगार बना समापन समारोह
बस्तर ओलम्पिक का यह समापन समारोह बाईचुंग भूटिया की मौजूदगी के कारण लंबे समय तक याद रखा जाएगा, जिसने बस्तर की खेल प्रतिभाओं को नई दिशा और प्रेरणा दी।




