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कच्छ के की उर्मिला के लिए यादगार बना भावनगर का नमो सखी संगम मेला

– जैविक उत्पाद पहले ही दिन 25 हजार रुपये के बिके

भावनगर/अहमदाबाद, 11 मार्च (हि.स.) | मुझे गर्व है कि मैं नारी शक्ति हूं, अगर हमें सही मंच मिले तो हम सफलता हासिल कर सकते हैं। यह कहना है कच्छ के लखपत तहसील के दयापार गांव की उर्मिलाबा जाडेजा का, जो नमो सखी संगम मेले में शामिल हुईं। दरअसल भावनगर में चार दिवसीय नमो सखी संगम मेले में उर्मिलाबा ने अपने जैविग उत्पाद का स्टाल लगाया था। उन्होंने पहले ही दिन 25 हजार रुपये की भारी माल बेच दिया।

आशापुरा में सखी मंडल की सदस्य उर्मिलाबा ने कहा कि हम जाडेजा हैं, इसलिए हमें बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है। मैं सिर्फ़ चार कक्षाएँ पढ़ी हूं। लेकिन अगर आपके अंदर कुछ करने की अदम्य इच्छाशक्ति हो और सही मार्गदर्शन मिले, तो नतीजे अलग होते हैं। उनके पास आठ एकड़ ज़मीन है, जिसमें हम सिर्फ़ जैविक मूंग, मेथी, मक्का और रतालू की खेती करते हैं। इनसे हम मेथी से ग्लूटिनस राइस बॉल्स, मेथी से पास्ता, मूंग से कटोरी, मक्का से सककर पारा और चिप्स बनाते हैं। हम इन्हें तेल में नहीं, बल्कि रेत या नमक में फ्राय करते हैं, ताकि हमारे उत्पाद खरीदने वालों का स्वास्थ्य भी बना रहे। लेकिन यह हमारी शुरुआत थी, इसलिए हमने धीरे-धीरे अपने उत्पाद को अपने तरीके से बेचा। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। आशापुरा में हमारे सखी मंडल में करीब दस बहनें हैं, जिसमें हमने डेढ़ लाख रुपये का बीमा और दो लाख रुपए का सीसी लिया है। साथ ही साढ़े तीन लाख रुपये का लोन भी लिया है, जो हमारे लिए काफी उपयोगी रहा है।

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