ममता के विधानसभा भवानीपुर से 44 हजार 770 मतदाताओं के नाम कटने पर स्क्रूटनी करेंगे बीएलओ
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चल रहे विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) के तहत प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा क्षेत्र भवानीपुर से 44,770 मतदाताओं के नाम हटाए जाने का मामला सामने आने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ा रुख अपनाते हुए व्यापक स्तर पर जांच के निर्देश दिए हैं।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि एक भी वास्तविक मतदाता का नाम मतदाता सूची से नहीं कटना चाहिए। इसी क्रम में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं को हटाए गए नामों की दोबारा स्क्रूटनी और भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है।
मृत और स्थानांतरित दिखाए गए नामों की होगी जांच
बताया गया है कि जिन मतदाताओं के नाम मृत या स्थानांतरित होने के आधार पर सूची से हटाए गए हैं, उनकी विशेष रूप से जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बूथ स्तर के एजेंटों से कहा है कि वे संबंधित मतदाताओं के पते पर जाकर वास्तविक स्थिति की पुष्टि करें और निर्वाचन आयोग को सही जानकारी उपलब्ध कराएं।
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व को आशंका है कि कई मतदाताओं को गलत तरीके से मृत या स्थानांतरित दर्शाया गया है, जिससे उनका नाम सूची से हट गया। इसे लेकर पार्टी ने जमीनी स्तर पर सक्रियता बढ़ा दी है।
ऊंची इमारतों और आवासीय परिसरों पर विशेष नजर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि हाईराइज बिल्डिंग्स और बड़े आवासीय परिसरों में रहने वाले मतदाताओं पर विशेष ध्यान दिया जाए, क्योंकि इन क्षेत्रों से नाम कटने की शिकायतें अधिक आ सकती हैं।
भवानीपुर का राजनीतिक महत्व
गौरतलब है कि 2021 विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से हार के बाद ममता बनर्जी ने भवानीपुर उपचुनाव जीतकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ऐसे में भवानीपुर से बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम कटना तृणमूल कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील मुद्दा माना जा रहा है।




