-पॉक्सो एक्ट की अदालत ने आरोपियों को 4 दिन पुलिस अभिरक्षा में सौंपा, नसीराबाद अदालत में पड़िताओं ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए बयान
अजमेर, 18 फरवरी(हि.स)। ब्यावर जिले के बिजयनगर पुलिस थाना क्षेत्र अन्तर्गत निजी स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग लड़कियों को प्रलोभन में मोबाइल देकर उन्हें चिकनी चुपड़ी बातों में फंसाने के बाद उन्हें ब्लैकमेल कर देहशोषण करने के समुदाय विशेष के छह आरोपिताें को मंगलवार को अजमेर की पॉक्सो एक्ट कोर्ट में पेश करते हुए वकीलों ने ही उनकी पिटाई कर दी। पुलिस मुश्किल में आरोपिताें को कोर्ट परिसर से बाहर लेकर आई। अदालत ने आरोपिताें को 4 दिन पुलिस अभिरक्षा में रखने के आदेश दिए हैं। इस बीच पीड़ित लड़कियों के मजिस्ट्रेट बयान नसीराबाद की एसीजेएम अदालत में मजिस्ट्रेट सुमन गिठाला के समक्ष कलमबद्ध दर्ज कराए गए हैं। उपअधीक्षक सज्जन सिंह सहित पीड़िताओं के परिजन व आक्रोशित हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी भी नसीराबाद न्यायालय परिसर में पहुंचे, एहतियातन अतिरिक्त पुलिस जाप्ता बुलाया गया। न्यायालय परिसर में जमा लोग आरोपिताें के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे। मामले को लेकर अजमेर व ब्यावर जिले में हिन्दू वादी संगठनों में रोष व्याप्त है। विभिन्न मंचों से हिन्दू संगठनों ने संबंधित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन देकर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इस मामले को 1992 के अजमेर के बहुचर्चित अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल काण्ड की तरह ही लिया जा रहा है। वहीं इसके पीछे किसी संगठित गिरोह का हाथ होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्र शर्मा के अनुसार मामले में छह आरोपिताें जिनमें सभी 18 से 20 साल की आयु के हैं रिहान मोहम्मद, सोहेल मंसूरी, लुकमान उर्फ सोहेब, अरमान पठान, साहिल कुरैशी और अफराज को पेश किया गया है। एक नाबालिग भी निरुद्ध किया गया है।
अजमेर अदालत से बाहर लाते हुए वकीलों ने आरोपिताें के साथ मारपीट की। आरोपिताें को देखने के लिए वहां पहले से ही भारी भीड़ थी। वकील समुदाय के लोग भी उनमें शामिल थे। पुलिस कड़ी सुरक्षा के साथ आरोपिताें को पैदल ही लगभग भागती हुई स्थिति में अदालत के अंदर लेकर गई लगभग ऐसी ही स्थिति में उन्हें बाहर निकाला गया। इस बीच मौका पाकर एक वकील ने एक आरोपित के थप्पड़ जड़ दिया। फिर अन्य वकील भी आरोपिताें की पिटाई करने लगे। पुलिस ने बहुत मशक्कत से आरोपिताें को अदालत परिसर से बाहर निकाला। पुलिस की मौजूदगी में आरोपिताें के साथ वकीलों द्वारा की गई मारपीट की फुटेज थोड़ी ही देर में वायरल हो गई।
गौरतलब है कि तीन लड़कियों के घरवालों ने सामूहिक रूप से बिजयनगर पुलिस को रिपोर्ट पेश कर बेटियों को समुदाय विशेष के युवकों द्वारा ब्लैकमेल कर देह शोषण करने और उनका धर्मान्तरण कराने के लिए विवश करने का आरोप लगाया है। पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि युवक उनकी बेटियों को प्रलोभन में मोबाइल देकर उस फोन पर बात करते थे व स्कूल जाते हुए रास्ते में उन्हें रोककर डराधमका कर उन्हें कैफे में साथ चलने के लिए दबाव बनाते थे। नहीं जाने पर परिवारजनों को जान से मारने की धमकी देते थे। उनसे कलमा पढ़ने व रोजा रखने तथा उनकी पसंद के कपड़ पहन कर आने के लिए कहते थे।
रुपए चोरी हुए तो खुला मामला
डीएसपी सज्जन सिंह ने बताया कि 16 फरवरी 25 को तीन मामले दर्ज किए गए जिनमें परिजनों ने बताया कि उनके घर से बेटी द्वारा रुपए चोरी करने पर उन्हें शक हुआ। उस पर नजर रखी जाने लगी तो वह मोबाइल पर फोन पर बात करते हुए पाई गई। पूछताछ में पाया कि उन्हें मोबाइल समुदाय विशेष के किसी युवक ने दिया है। गहराई से पूछताछ करने पर अन्य युवकों व उसकी सहेलियों के पीड़ित होने के बारे में भी जानकारी मिली। परिवारजनों की शिकायत पर 7 आरोपिताें को पकडा गया है। जिनमें एक नाबालिग है। उन्होंने बताया कि पीड़िताओं से बात की जाएगी वहीं आरोपिताें से साक्ष्य जुटाए जाएंगे। जो भी तथ्य सामने आएंगे उनको लेकर जांच की जाएगी और अपराधियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।
बिजयनगर के वकीलों ने पैरवी से किया इनकार
बिजयनगर अभिभाषक संघ के सभी सदस्यों ने 17 फरवरी 2025 को बिजनगर में घटित घटना की निंदा की है। अभिभाषक संघ ने पुलिस प्रशासन से अपेक्षा कि है कि उक्त मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जावें और अभिभाषक संघ बिजयनगर उक्त मामले में दोषियों के पक्ष में पैरवी नहीं करेगा।