माता स्कंदमाता: बुद्धि और ममता की देवी
- नवरात्रि का पांचवां दिन माता स्कंदमाता को समर्पित है। Skandamata Aarti शांति देती है।
- माता अपने पुत्र कार्तिकेय के साथ विराजमान हैं। केला भोग चढ़ाकर पूजा करें।
- Navratri puja में उनकी आराधना से बुद्धि, समृद्धि मिलती है। 26 सितंबर 2025 को पूजा।
Skandamata Aarti की विधि
Skandamata Aarti गाकर पूजा शुरू करें। सुबह स्नान करें, मंदिर को सजाएं।
- माता को पीले फूल, केला चढ़ाएं।
- घी का दीपक जलाएं, मंत्र जाप करें।
- Skandamata Aarti से माता को प्रसन्न करें।
यह विधि मनोकामनाएं पूरी करती है। Navratri puja में शामिल करें।
केला भोग: माता का प्रिय प्रसाद
माता स्कंदमाता को केला भोग अति प्रिय है। शुद्ध, पके केले चढ़ाएं।
केले को माता के चरणों में अर्पित करें। प्रसाद के रूप में बांटें।
- ताजा केले माता को चढ़ाएं।
- भोग के बाद परिवार में बांटें।
Navratri puja में केला भोग से बुद्धि, स्वास्थ्य मिलता है।
Skandamata Aarti व माता स्कंदमाता का स्वरूप
- माता स्कंदमाता सिंह पर सवार हैं, चार भुजाओं में कमल, पुस्तक धारण करती हैं।
- वे बुद्धि, ममता की प्रतीक हैं। Skandamata Aarti से ज्ञान प्राप्त होता है।
- हरा या पीला रंग प्रिय है। पूजा में हरे वस्त्र पहनें।
नवरात्रि पूजा के लाभ
Skandamata Aarti से मानसिक शांति, बुद्धि बढ़ती है। Navratri puja जीवन को समृद्ध बनाती है।
- शिक्षा, करियर में सफलता मिलती है।
- परिवार में प्रेम, एकता बढ़ती है।
- नकारात्मकता, तनाव से मुक्ति मिलती है।
माता की कृपा से जीवन में सुख-शांति आती है।
मंत्र जाप और तैयारी
मुख्य मंत्र: सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी।
- 108 बार मंत्र जाप करें।
- पूजा स्थल स्वच्छ करें, दीप जलाएं।
- केला, फल, मिठाई चढ़ाएं।
स्कंदमाता Aarti के साथ मंत्र से बुद्धि प्राप्त करें।
हरे रंग का महत्व
- नवरात्रि के पांचवें दिन हरा रंग पहनें। माता स्कंदमाता को प्रिय है।
- पीले या हरे फूल, जैसे कमल, माता को अर्पित करें। केला भोग चढ़ाएं।
- यह रंग समृद्धि, शांति का प्रतीक है। स्कंदमाता Aarti गाएं।
व्रत कथा का सार
- माता स्कंदमाता ने कार्तिकेय को शक्ति दी। उनकी पूजा से बुद्धि, बल मिलता है।
- इस कथा से ममता, शक्ति सीखें। स्कंदमाता Aarti से व्रत फल मिलता है।
- नवरात्रि व्रत रखकर माता को प्रसन्न करें।
Skandamata Aarti के बोल
- जय माँ स्कंदमाता करुणा मयी, भक्तों की हर पुकार सुनो मई।
- सिंह सवारी माँ चार भुजाधारी, बुद्धि देती संकट टारी।
- केला भोग से मन हो प्रसन्न, पूर्ण करो माँ सारे सपन।
- स्कंदमाता Aarti गाकर माता का आशीर्वाद लें।
- Navratri puja में केला भोग से सुख-बुद्धि पाएं।
नवरात्रि 2025 में पूजा
- 22 सितंबर से नवरात्रि शुरू, पांचवां दिन 26 सितंबर। Navratri puja के लिए तैयार रहें।
- माता स्कंदमाता की पूजा करें। स्कंदमाता Aarti से नवरात्रि को विशेष बनाएं।
- केला भोग चढ़ाकर जीवन में बुद्धि, शांति लाएं।