देहरादून, 13 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में वनाग्नि नियंत्रण के लिए समुदाय केंद्रित मॉक ड्रिल का अवलोकन किया। इस दौरान अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए आगे की योजनाएं बनाई जाए।
राज्य के छह जनपदों में गुरुवार को मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून के आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में वनाग्नि नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों को राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए पिछली घटनाओं में आई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आगे की योजनाएं बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित की जाए। सभी विभागों के साथ ही सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, महिला मंगल दलों, युवक मंगल दलों और वन पंचायतों का भी वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में सहयोग लिया जाए। वनों में आग लगाने वाले असमाजिक तत्वों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी विभागों को एकजुटता से कार्य करना होगा। उन्होंने अपर मुख्य सचिव आरके सुधांशु को निर्देश दिये कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सभी विभागों की भागीदारी सुनिश्चत करने के लिए पत्र जारी किया जाए। उन्होंने वनाग्नि को रोकने के लिए शीतलाखेत मॉडल के साथ ही चाल-खाल, तलैया और अन्य प्रभावी उपायों पर कार्य किए जाएं। इसके लिए जलागम विभाग का भी सहयोग लिया जाए। आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर अधिक बल दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि से राज्य को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ता है। वन संपदा के नुकसान के साथ ही पशु हानि भी होती है। वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए व्यापक स्तर पर नियमित जागरूकता अभियान चलाये जाए। नवाचारों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से भी अपील की है कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में सक्रिय भागीदारी दिभाएं।
वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए संयुक्त रूप से आयोजित इस मॉक ड्रिल में 06 जनपदों के 16 स्थान चिन्हित किये गये। वनाग्नि के कारण विभिन्न परिस्थितियों का किस तरह समाधान करना है, रिस्पांस टाइम कम करने, वनाग्नि को रोकने के लिए जन सहयोग और अन्य प्रभावी उपायों पर मॉक ड्रिल की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की मॉक ड्रिल से जरूर वनाग्नि के समय उस पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वनाग्नि को रोकने के लिए राज्य को आधुनिक उपकरण देने पर भी मुख्यमंत्री ने आभार व्यक्त किया।