मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज सिंगल क्लिक से करेंगे ₹160 करोड़ की अनुग्रह सहायता का वितरण
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को मंत्रालय, भोपाल से संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता योजना की राशि का वितरण करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सिंगल क्लिक के माध्यम से 7,227 प्रकरणों में कुल ₹160 करोड़ की सहायता सीधे हितग्राहियों के खातों में अंतरित करेंगे।
इस कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल सहित विभिन्न स्थानों पर मंत्रीगण और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।
असंगठित श्रमिकों के लिए संबल बना सहारा
जनसंपर्क अधिकारी आर.आर. पटेल ने बताया कि संबल योजना प्रदेश के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लाखों श्रमिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसके अंतर्गत—
- दुर्घटना में मृत्यु पर ₹4 लाख
- सामान्य मृत्यु पर ₹2 लाख
- स्थायी अपंगता पर ₹2 लाख
- आंशिक स्थायी अपंगता पर ₹1 लाख
- अंत्येष्टि सहायता के रूप में ₹5,000
की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
महिला श्रमिक और बच्चों को भी मिल रहा लाभ
संबल योजना के अंतर्गत महिला श्रमिकों को प्रसूति सहायता के रूप में ₹16,000 की राशि दी जाती है। वहीं श्रमिकों के बच्चों को महाविद्यालय शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए पूरा शिक्षण शुल्क राज्य सरकार वहन करती है।
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स भी योजना में शामिल
भारत सरकार के नीति आयोग की पहल पर मध्य प्रदेश ने गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी संबल योजना में शामिल किया है। इनके पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है और इन्हें भी योजना के सभी लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।
इसके साथ ही संबल हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची भी मिलती है, जिससे वे केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत रियायती दरों पर राशन प्राप्त कर रहे हैं।
आयुष्मान भारत का भी लाभ
सभी संबल हितग्राहियों को आयुष्मान भारत निरामय योजना के अंतर्गत पात्र श्रेणी में शामिल किया गया है, जिससे वे ₹5 लाख तक का वार्षिक निःशुल्क उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
अब तक करोड़ों श्रमिकों को मिला संबल
प्रदेश सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2018 से अब तक 1 करोड़ 83 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन संबल योजना में किया जा चुका है। श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अब तक 7 लाख 76 हजार से अधिक प्रकरणों में ₹7,383 करोड़ से अधिक की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है।
संबल योजना को वास्तविक अर्थों में “जन्म से मृत्यु तक सुरक्षा कवच” बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि यह योजना देश के अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय मॉडल बन चुकी है।




