📍 सुकमा, 6 जून (हि.स.) — एक अहम पहल के तहत नक्सली हिंसा से प्रभावित क्षेत्र सुकमा के पूवर्ती गांव में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने तीन गुरुकुलों की स्थापना की है। यह गांव नक्सली संगठन के कुख्यात सदस्य हिड़मा का गढ़ माना जाता था और दशकों तक विकास की मुख्यधारा से कटा रहा।
🏫 गुरुकुल स्थापना की मुख्य बातें
🔹 पूवर्ती, सिलगेर और टेकलगुड़ेम में स्थापित किए गए तीन गुरुकुल
🔹 करीब 80 से अधिक बच्चे इन गुरुकुलों से जुड़े
🔹 सीआरपीएफ की ओर से कॉपी-किताब और खेल सामग्री की व्यवस्था
🔹 एक वर्ष से ‘शिक्षादूत’ बच्चों को दे रहे शिक्षा
👥 प्रशासन और अधिकारियों की सक्रिय भूमिका
🔸 डीआईजी आनंद सिंह राजपुरोहित – “गुरुकुलों में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।”
🔸 जिला शिक्षा अधिकारी जीआर मंडावी – “बच्चों का सर्वे किया जा रहा है और स्कूल भवन का निर्माण भी जारी है। 35 ड्रॉपआउट बच्चों को स्कूल से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।”
🔸 कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव – “शिक्षादूत फिलहाल गुरुकुलों में सेवाएं दे रहे हैं, जल्द ही नए शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे।”
📌 पृष्ठभूमि
यह गांव कई वर्षों तक नक्सली गतिविधियों और हिड़मा के खौफ के चलते अविकसित रहा। 2024 में सुरक्षा बलों ने यहां कैंप स्थापित कर विकास की नींव रखी। अब यह गांव शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के जरिए नई दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
🎯 निष्कर्ष:
सीआरपीएफ द्वारा स्थापित ये गुरुकुल केवल शिक्षा केंद्र नहीं, बल्कि समाज के सबसे पिछड़े और भयग्रस्त क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने की एक सार्थक और स्थायी पहल हैं। यह पहल बच्चों के भविष्य के साथ-साथ गांव के समग्र विकास का आधार बनेगी।