16 साल बाद हुई गिरफ्तारी
धमतरी, 18 सितंबर। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में वर्ष 2007 के शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा मामले में आखिरकार कार्रवाई तेज हुई है। बुधवार को मगरलोड पुलिस ने 16 साल बाद तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इन आरोपितों पर फर्जी प्रमाण पत्र और अंकतालिका में हेरफेर कर अपात्र उम्मीदवारों को चयनित कराने का आरोप है।
शिकायत और कार्रवाई
ग्राम चंदना निवासी कृष्ण कुमार साहू ने वर्ष 2007 की भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी की शिकायत की थी। लेकिन लंबे समय तक गिरफ्तारी नहीं हुई। अब पुलिस ने शिक्षाकर्मी ईशु कुमार (कमरौद), सिताराम (मेघा) और पूर्व जनपद उपाध्यक्ष कोमल सिंह यदु (मोंहदी) को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
105 आरोपित और 40 से अधिक अभी भी नौकरी में
इस केस में पुलिस ने कुल 105 आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इनमें से अब तक 17 आरोपितों की मौत हो चुकी है। वहीं, कई आरोपित अब भी फरार हैं। पुलिस के अनुसार, 40 से 45 शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन अभी भी नौकरी कर रहे हैं, जिन पर जल्द ही कार्रवाई होगी।
चयन समिति भी थी शामिल
2007 में बनी चयन समिति में अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल थे। इनमें तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, पंचायत एवं समाज शिक्षा संगठक, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित कई सदस्य शामिल थे। पुलिस जांच में पाया गया कि अपात्र उम्मीदवारों को मौका देने के लिए पात्र अभ्यर्थियों को जानबूझकर वंचित किया गया।
आगे की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि मामले में अन्य आरोपितों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। इस गिरफ्तारी के बाद फर्जी भर्ती से नौकरी कर रहे शिक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया है।