धर्मशाला में पशु चिकित्सकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर
धर्मशाला, 15 अक्टूबर (हि.स.)। डॉ. जी.सी. नेगी कॉलेज ऑफ वेटरिनरी एंड एनिमल साइंसेज, पालमपुर के वेटरिनरी पैथोलॉजी विभाग द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत पशु चिकित्सकों को नवीनतम वैज्ञानिक पशुपालन तकनीकों से अवगत कराना था।
वैज्ञानिक तकनीकों से किसानों की आजीविका में सुधार
प्रशिक्षण में पशुपालकों को रोग नियंत्रण, पोषण प्रबंधन, टीकाकरण और अश्व प्रजातियों (घोड़े, टट्टू, खच्चर) के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई। परियोजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीन नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्वाइन्स, हिसार द्वारा प्रायोजित थी।
विशेषज्ञों ने दी दिशा-निर्देश
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए.के. पांडा ने कहा कि पशु चिकित्सक किसानों को स्वच्छ दूध उत्पादन, जैविक उत्पाद निर्माण और अच्छे प्रबंधन अभ्यास अपनाने के लिए प्रेरित करें। विभागाध्यक्ष डॉ. आर.के. असरानी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान आगामी गतिविधियों जैसे अश्व रोग निदान, प्रजनन सुधार और पोषण संवर्धन के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई।