महाकुम्भ नगर, 05 फरवरी (हि.स.)। गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान में मां धूमावती, मां बगलामुखी के साथ महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती समेत सभी देवी-देवताओं की आराधना की जाती है एवं रात्रि में शतचंडी महायज्ञ में आहुति देकर विश्व कल्याण की कामना की। धूमावती माता को अभाव और संकट को दूर करने वाली माता कहते है। यह बात बुधवार को महाकुम्भ के सेक्टर 20 संगम लोअर मार्ग पर शास्त्री ब्रिज के नीचे लगे श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर के शिविर में श्री दूधेश्वर मंदिर के पीठाधीश्वर व जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्री महंत नारायण गिरि महाराज ने कहा।
उन्होंने बताया कि धूमावती माता की साधना से व्यक्ति की पहचान महाप्रतापी और सिद्ध पुरूष के रूप में होती है। मां बगलामुखी की साधना दुश्मन के भय से मुक्ति और वाक् सिद्धि के लिए की जाती है। जो साधक नवरात्रि में इनकी साधना करता है वह हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण के कहने पर अर्जुन ने कौरवों पर विजय हासिल करने के लिए माता बगलामुखी की पूजा अर्चना की थी। बुधवार को अमेरिका से आए श्री दूधेश्वर वेद विद्यापीठ के पूर्व प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार पाढ़ी, उनके साथ आए भारत गर्ग, लंदन से आए हुए महाराजश्री के भक्त मुकेश भाई देसाई, अमेरिका से आए वेणुगोपाल एवं उनके साथ आए अन्य भक्तों, गाजियाबाद निवासी विवेक प्रकाश गर्ग व उनके साथ आए अन्य हरि भक्तों ने पूजा-अर्चना में भाग लेने के साथ ही महाराजश्री से भेंटकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
महाराज श्री ने कहा कि यह दूधेश्वर मंदिर व गाजियाबाद ही नहीं उत्तर प्रदेश व देश के लिए भी गौरव का विषय है कि श्री दूधेश्वर वेद विद्यापीठ के आचार्य व विद्यार्थी आज पूरे विश्व में सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति का परचम फहरा रहे हैं। विश्व प्रसिद्ध व ऐतिहासिक अयोध्या के राम मंदिर से लेकर विश्व के अन्य बडे मंदिरों में यहां के आचार्य व विद्यार्थी पुजारी के रूप में धर्म व संस्कार की शिक्षा दे रहे हैं। भारत ही नहीं विश्व के कई देशों के विश्वविद्यालयों, शिक्ष्ज्ञण संस्थाओं व संस्थानों में भी वे कार्यरत हैं। अमेरिका के तो सभी 50 प्रांतों के मंदिरों में श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के आचार्य व वि़द्यार्थी पुजारी हैं। विद्यापीठ के पूर्व प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार पाढ़ी 16 वर्ष से अमेरिका में हैं और उन्हें ग्रीन कार्ड भी मिल चुका है। पूर्व प्रधानाचार्य हरे कृष्ण महापात्र भी अमेरिका में ही हैं। वहीं प्रथम प्रधानाचार्य मनोज पाढी वाशिंगटन में हैं। यहां के आचार्यो व विद्यार्थियों में अमेरिका में मंदिर की स्थापना भी कर दी है। विद्यापीठ के वर्तमान प्रधानाचार्य आचार्य तयोराज उपाध्याय व अन्य सभी आचार्यो व शिक्षकों की मेहनत के चलते ही आज अमेरिका इंग्लैंड, जापान, सिगापुर, मलेशिया इंडोनेशिया, आबु धाबी आदि देशों के मंदिरों में श्री दूधेश्वर वेद विद्यापीठ के आचार्य व विद्यार्थी पुजारी के रूप में भगवान की सेवा कर रहे हैं।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान की पूर्णाहुति गुरूवार को मां मातंगी व मां कमला की पूजा-अर्चना के साथ होगी। वहीं श्री दूधेश्वर नाथ महादेव कुंभ मेला शिविर पूर्णमासी 12 फरवरी तक चलेगा। 8 फरवरी तक शिविर पूरी तरह से फुल हैं। अतः भक्त 8 फरवरी के बाद ही आएं।