जौनपुर: डिजिटल एडिक्शन कार्यशाला में युवाओं को किया जागरूक
जौनपुर, 03 सितंबर (हि.स.)। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन में वेलनेस सेंटर एवं व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “डिजिटल एडिक्शन” पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं में तेजी से बढ़ रही मोबाइल और इंटरनेट की लत के दुष्परिणामों पर जागरूक करना था।
मुख्य वक्ता प्रो. अजय प्रताप सिंह का संदेश
कार्यशाला में मुख्य वक्ता प्रो. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी मोबाइल और इंटरनेट की लत में अपना अमूल्य समय गंवा रही है। उन्होंने बताया कि रील्स और गेम्स खेलने के दौरान मस्तिष्क में डोपामाइन हार्मोन स्रवित होता है, जो क्षणिक खुशी देता है लेकिन धीरे-धीरे लत में बदल जाता है। प्रो. सिंह ने युवाओं से आग्रह किया कि जीवन की सच्ची खुशी रचनात्मक और उपयोगी गतिविधियों में खोजी जानी चाहिए।
विशेषज्ञों की राय और सुझाव
सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय के अध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र ने चेतावनी दी कि मोबाइल की अत्यधिक निर्भरता युवा को वास्तविक जीवन से दूर कर रही है और साइबर अपराधों को बढ़ावा दे रही है। वेलनेस सेंटर की नोडल अधिकारी डॉ. अन्नू त्यागी ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा और समय ही देश के विकास की धुरी हैं। व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि डिजिटल एडिक्शन के लक्षण दिखने पर परामर्श लें और अनावश्यक नोटिफिकेशन बंद करें।
छात्रों के लिए विशेष पहल
कार्यक्रम के दौरान छात्रों को डिजिटल एडिक्शन पर आधारित एक वृत्तचित्र भी दिखाया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। डॉ. चंदन सिंह, डॉ. अमित मिश्र, अर्पित यादव, आनंद सिंह समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।