1975 में लगाए गए आपातकाल की आज 50वीं बरसी है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नई दिल्ली में कार्यक्रम को संबोधित किया।
क्यों जरूरी है इतिहास जानना?
गडकरी ने कहा कि आपातकाल 1975 में लोकतंत्र की हत्या की गई थी।
युवाओं को इस सच्चाई को जानना चाहिए ताकि लोकतंत्र सुरक्षित रहे।
सत्ता बचाने की कोशिश?
गडकरी ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए
संविधान, प्रेस और न्यायपालिका पर दबाव बनाया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद इस्तीफे की जगह उन्होंने देश पर आपातकाल थोप दिया।
संघ परिवार और लोकतंत्र
गडकरी ने बताया कि संघ और उससे प्रेरित संगठनों ने भूमिगत रहकर आंदोलन चलाया।
अटल बिहारी वाजपेयी, आडवाणी और जॉर्ज फर्नांडिस जैसे नेता जेल में डाले गए।
हजारों निर्दोष लोगों को बिना सुनवाई जेल में डाल दिया गया।
इतिहास से सबक
गडकरी बोले, “इमरजेंसी हमें बताती है कि कानून नहीं, जनआस्था लोकतंत्र की असली ताकत है।”
उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग और जागरूक बनें।
✅ क्या आप भी मानते हैं कि आपातकाल लोकतंत्र की सबसे काली रात थी? अपने विचार साझा करें!