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संविधान पर हमला! रिजिजू बोले- 1975 जैसा आपातकाल फिर कभी न दोहराएं

शिमला, 26 जून:
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने 1975 के आपातकाल को लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला बताया।

संविधान की हत्या का दिन

रिजिजू ने कहा, “25 जून 1975 को सत्ता बचाने के लिए देश में आपातकाल थोप दिया गया। यह दिन संविधान की हत्या का प्रतीक है।”

नागरिक अधिकार कुचले गए

उन्होंने बताया कि प्रेस की आज़ादी छीनी गई, लोगों को जेल में डाला गया और संविधान को नजरअंदाज किया गया।

नई पीढ़ी को सीखना होगा

रिजिजू बोले, “यह राजनीति का विषय नहीं बल्कि लोकतंत्र की चेतना को बचाने का संघर्ष है।”

विकास योजनाएं और सहयोग की अपील

अपने तीन दिनी हिमाचल दौरे में उन्होंने खेल व युवा कल्याण से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी और मुख्यमंत्री से सहयोग मांगा।

वक्फ बोर्ड संशोधन पर सफाई

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि पारदर्शिता और संतुलन के लिए जरूरी है।

भारत में 3 बार आपातकाल कब लगे थे?
→ 1962 (चीन युद्ध), 1971 (पाक युद्ध), और 1975 (आंतरिक अस्थिरता)।

25 जून 1975 को भारत में क्या हुआ था?
→ तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू किया, जिसे लोकतंत्र का काला दिन कहा जाता है।

अनुच्छेद 352, 356 और 360 क्या हैं?
→ ये आपातकाल की विभिन्न अवस्थाओं से जुड़े अनुच्छेद हैं – राष्ट्रीय, राज्यीय और वित्तीय आपातकाल।

1975 में आपातकाल क्यों लगाया गया?
→ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध करार दिया था, जिससे सत्ता को खतरा हुआ।

आपातकाल के परिणाम क्या थे?
→ मीडिया पर सेंसरशिप, हजारों गिरफ्तारियां, मौलिक अधिकार निलंबित।

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