📍 अनूपपुर, 5 जून (हि.स.) — जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब ग्राम सकरा निवासी किसान भगवानदास गोड़ ने प्रशासनिक अनसुनी से परेशान होकर आत्मदाह का प्रयास किया। किसान ने परिसर में अपने ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की, लेकिन समय रहते मौजूद कर्मचारियों और आम नागरिकों ने उसे पकड़ लिया और बड़ा हादसा टल गया।
🚨 घटना का विवरण:
सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसान से बातचीत करने का प्रयास किया। समझाइश देने पर भी किसान परिसर में सिर पटकने लगा, जिस पर पुलिस ने उसे तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
🌾 चार साल से न्याय के लिए भटक रहा था किसान:
भगवानदास गोड़ का कहना है कि ग्राम छीरापटपर में स्थित उसकी चार एकड़ पुश्तैनी जमीन पर एक व्यक्ति ने अवैध कब्जा कर लिया है। पिछले चार वर्षों से वह तहसील, एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहा है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
🧠 मानसिक तनाव में था किसान:
भगवानदास की मां बत्तू बाई ने बताया कि उनका बेटा कई वर्षों से न्याय की उम्मीद में दर-दर भटक रहा था और अफसरों की बेरुखी से मानसिक रूप से टूट गया था। इसी हताशा में उसने यह आत्मघाती कदम उठाया।
⚖️ कानूनी कार्रवाई:
किसान के आत्मदाह प्रयास को देखते हुए तहसीलदार ने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के आदेश दिए। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने भगवानदास के खिलाफ धारा 151 (आईपीसी) के तहत मामला दर्ज किया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
❓ प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल:
यह घटना एक बार फिर प्रशासन की कार्यप्रणाली और ग्रामीण समस्याओं के प्रति असंवेदनशीलता पर सवाल उठाती है। आत्महत्या का प्रयास इस बात का संकेत है कि अफसरों की लापरवाही और निर्णयों में देरी किस हद तक आम आदमी को निराश कर सकती है।
🙏 अपील:
सरकार और प्रशासन से अपेक्षा है कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाए और किसानों की समस्याओं का समय रहते समाधान किया जाए, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह का कदम न उठाए।