सावन माह का महत्व हिंदू धर्म और शास्त्रों में अत्यंत पावन माना गया है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इसका हर दिन भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और पुण्य अर्जन का अवसर लेकर आता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन वर्ष का पाँचवाँ मास होता है, जो मुख्यतः जुलाई-अगस्त के बीच आता है। इस माह में सावन सोमवार व्रत, श्रावणी उपाकर्म, और नाग पंचमी जैसे पर्व मनाए जाते हैं, जो सभी भगवान शंकर से जुड़े होते हैं।
📿 शास्त्रों में क्या कहा गया है?
पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब कालकूट विष निकला था, तब भगवान शिव ने उसे अपने कंठ में धारण कर लिया, जिससे वे नीलकंठ कहलाए। यह घटना सावन मास में मानी जाती है, इसलिए इस महीने शिवजी की विशेष पूजा की जाती है।
🛕 विशेष परंपराएं:
- सावन सोमवार व्रत में स्त्रियाँ और पुरुष उपवास रखकर शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, और दूध अर्पित करते हैं।
- इस माह में “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप विशेष फलदायी होता है।
🌿 आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर:
सावन के महीने में प्रकृति हरी-भरी होती है, वातावरण शुद्ध होता है और साधना के लिए यह सबसे अनुकूल समय माना जाता है।