गिरिडीह, 3 अक्टूबर।
शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन विजयादशमी पर जगत जननी मां दुर्गा को जयकारों के साथ भावपूर्ण विदाई दी गई। जिले के विभिन्न इलाकों में दुर्गा पूजा समितियों द्वारा स्थापित प्रतिमाओं का ढोल-ढाक, नगाड़े और गाजे-बाजे के साथ पारंपरिक विधि से विसर्जन किया गया।
इस वर्ष गुरुवार को लगभग 12 स्थानों में प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इनमें बरगंडा काली मंडा, श्री श्री आदि दुर्गा मंडा, गांधी चौक दुर्गा मंडा, पचम्बा गढ़ मंडा, मोहनपुर और पुराना जेल भवन दुर्गा मंडा शामिल थे।
मुख्य विसर्जन स्थल बरवाडीह मानसरोकर जलाशय था, जहाँ दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही। इसके बावजूद हजारों महिला-पुरुष भक्त विसर्जन शोभा यात्रा में शामिल हुए। पूजा मंडप में महिलाओं ने मां को खोइछा और सिंदूर अर्पित किया और एक-दूसरे के साथ सिंदूर खेलकर शुभकामनाएं साझा की।
गोधुली बेला में जैसे ही मां दुर्गा की प्रतिमाएँ पंडाल से बाहर निकली, लोग भावुक हो उठे और नम आंखों से उन्हें विदाई दी। भक्तों ने अगले वर्ष पुनः आने की कामना करते हुए जयकारे लगाए।
सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन ने तालाब के आस-पास जवान तैनात किए और एनडीआरएफ टीम को भी लगा कर व्यापक इंतजाम किए। बरवाडीह मानसरोकर तालाब में गुरुवार देर रात तक प्रतिमाओं का विसर्जन जारी रहा।
इस अवसर पर झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और जिला एवं पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने हाथ जोड़कर मां दुर्गा को विदाई दी।
इस प्रकार गिरिडीह में शारदीय नवरात्र का समापन श्रद्धा, भक्ति और सुरक्षा के साथ सम्पन्न हुआ, जिससे स्थानीय श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के जयकारों के साथ विजयादशमी का पर्व यादगार बनाया।