शिमला, 26 फ़रवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मौसम के तेवर तल्ख हैं और पहाड़ से मैदान तक वर्षा-बर्फबारी का क्रम बना हुआ है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हिमपात से जनजीवन प्रभावित हो गया है। बारिश-बर्फबारी से पूरे प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। राज्य के अधिकतम तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक भारी से बहुत भारी वर्षा और बर्फबारी की चेतावनी जारी करते हुए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। जनजातीय जिलों सहित ऊंचाई वाले इलाकों में जबरदस्त हिमपात हुआ है, जिससे कई क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा है।
लाहौल-स्पीति जिले में लगातार बर्फबारी हो रही है और अब तक एक से दो फीट तक बर्फ जम चुकी है। पूरी घाटी बर्फ की मोटी चादर में ढक गई है, जिससे आवाजाही प्रभावित हो गई है। इसी तरह शिमला जिले के चौपाल में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश हो रही है। किन्नौर जिले में सुबह से ही ऊंचे स्थानों पर बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के चलते पहाड़ी इलाकों की कई सड़कों पर यातायात बाधित हो गया है और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बीते चौबीस घंटों के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में झनाझम बारिश हुई। जोत, मनाली, सियोबाग, सराहन, भुंतर, रामपुर, जोगिंदरनगर, धर्मशाला, चंबा, डलहौजी, पालमपुर, गोगरा और मंडी समेत कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश हुई। वहीं ऊंचाई वाले इलाकों में जमकर हिमपात हुआ, जिसमें कुकुमसेरी में 41 सेंटीमीटर, कल्पा में 14, केलांग में 12, हंसा व खद्राला में 10-10 और सांगला में 4 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई।
इस दौरान प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान केलांग रहा, जहां न्यूनतम तापमान -3.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ अगले दो दिनों तक प्रदेश में सक्रिय रहेगा और इसके प्रभाव से अधिकांश स्थानों पर बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात जारी रहने की संभावना है। 27 और 28 फरवरी को गरज के साथ बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। पहली मार्च से मौसम में कुछ सुधार होने की संभावना है लेकिन दो मार्च से एक और पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश में दस्तक देगा जिससे दोबारा बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
मौसम विभाग ने अगले दो दिन यानी 27 और 28 फरवरी को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बर्फबारी और बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मैदानी और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में भी बारिश के चलते ठंड और बढ़ने की संभावना है। दो मार्च के बाद फिर से मौसम खराब हो सकता है औऱ चार मार्च तक राज्य में एक बार फिर बर्फबारी देखने को मिल सकती है।
इस बीच मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। भारी बर्फबारी और बारिश के कारण सड़कों पर फिसलन बढ़ सकती है और भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है। खासकर मनाली, रोहतांग, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा और ऊपरी शिमला में यातायात प्रभावित हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। नदी-नालों के आसपास जाने से भी मना किया गया है। पर्यटकों को ऊंचाई वाले इलाकों की यात्रा करने से बचने की भी हिदायत दी गई है क्योंकि खराब मौसम के कारण सड़कें बंद हो सकती हैं और यातायात प्रभावित हो सकता है।