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हिमाचल बजट 2025: वित्तीय चुनौतियों के बीच सुक्खू सरकार की परीक्षा, सीएम सुक्खू पेश करेंगे अपना तीसरा बजट

शिमला, 15 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद आगामी बजट पेश करने जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर वित्त मंत्री अपने कार्यकाल का तीसरा बजट 17 मार्च यानी सोमवार को विधानसभा में प्रस्तुत करेंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार बजट का आकार 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 58 हजार करोड़ और 2023-24 के लिए 52 हजार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया था।

हालांकि राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति लगातार चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। प्रदेश पर ऋण का बोझ बढ़ता जा रहा है। राज्य की आमदनी के स्रोत सीमित हैं, जबकि खर्चों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री के सामने राज्य की 70 लाख जनता को राहत देने के साथ-साथ आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करने की दोहरी चुनौती होगी।

राजस्व संकट और बढ़ता कर्ज

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से केंद्र सरकार की सहायता, राज्य करों और अन्य शुल्कों पर निर्भर करती है। लेकिन केंद्र से मिलने वाली सहायता में कटौती और जीएसटी क्षतिपूर्ति समाप्त होने से प्रदेश सरकार के लिए राजस्व जुटाना कठिन हो गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सरकार अब तक 19 हजार करोड़ रुपये का ऋण ले चुकी है।

राज्य की आय के प्रमुख स्रोतों में आबकारी शुल्क, स्टांप शुल्क, खनन और बिजली उत्पादन इत्यादि शामिल हैं। पिछले वर्ष के आंकड़ों के अनुसार राज्य सरकार को अपने संसाधनों से लगभग 19 हज़ार करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त हुआ था। शेष धनराशि विभिन्न केंद्रीय सहायता मदों से आती है।

केंद्र की सहायता में गिरावट

केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता में लगातार गिरावट आ रही है। वर्ष 2020-21 में राज्य को 10,249 करोड़ रुपये की राजस्व घाटा अनुदान सहायता प्राप्त हुआ था जो 2024-25 में घटकर 6,258 करोड़ रुपये रह गया। अगले वित्त वर्ष 2025-26 में यह घटकर मात्र 3,257 करोड़ रुपये रह जाने की संभावना है। इससे प्रदेश सरकार के सामने राजस्व जुटाने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।

खर्चों में कटौती और योजनाओं पर पुनर्विचार

सरकार वित्तीय घाटे को कम करने के लिए गैर-जरूरी खर्चों में कटौती करने की योजना बना रही है। इसके अलावा विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर उनके पुनर्गठन पर भी विचार किया जा रहा है। आगामी बजट में नई योजनाओं की घोषणा करने के बजाय सरकार मौजूदा योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने पर जोर दे सकती है।

करमुक्त बजट रहने की संभावना

हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दशकों से करमुक्त बजट पेश किया जा रहा है। इस बार भी आम जनता को टैक्स फ्री बजट की उम्मीद है। हालांकि, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार जनता को कड़े फैसलों के लिए तैयार रहने की बात कह चुके हैं। ऐसे में देखना होगा कि इस बजट में वे किस प्रकार के आर्थिक सुधारों की घोषणा करते हैं।

गारंटियों पर जनता की नजर

सत्ता में आने से पहले कांग्रेस सरकार ने जनता से 10 बड़ी गारंटियां देने का वादा किया था। सरकार के दावे के मुताबिक इनमें से छह गारंटियां पूरी की जा चुकी हैं। अब बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री शेष गारंटियों को लेकर अहम घोषणाएं कर सकते हैं। इन गारंटियों से आम जनता को काफी उम्मीदें हैं, खासकर सरकारी कर्मचारी, किसान, पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारी और युवा वर्ग मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर नजरें टिकाए हुए हैं। बेरोजगार युवाओं को रोजगार के मुद्दे पर सरकार से राहत की उम्मीद है।

17 मार्च को सुबह 11 बजे पेश होगा बजट

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 17 मार्च को सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगे। पहले बजट दोपहर 2 बजे प्रस्तुत किया जाना था लेकिन अब इसे सुबह के सत्र में रखा गया है।

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