इंदौर में खाद्य मिलावट के खिलाफ कलेक्टर का सख्त रुख
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में खाद्य सामग्री में मिलावट करने वालों के खिलाफ अब और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को कलेक्टर शिवम वर्मा की अध्यक्षता में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें मिलावट के विरुद्ध सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
मिलावटखोरों पर नहीं होगी कोई रियायत
कलेक्टर शिवम वर्मा ने स्पष्ट कहा कि उपभोक्ताओं को शुद्ध, सुरक्षित और मानक अनुरूप खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर लगातार अभियान चलाकर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
बैठक में अपर कलेक्टर रोशन राय, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार जिले में मिलावट के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जा रही है।
सैकड़ों निरीक्षण, हजारों नमूने जांच में
अधिकारियों ने जानकारी दी कि 1 जुलाई 2025 से अब तक जिले में 576 खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया और 1392 खाद्य नमूने जांच के लिए लिए गए। इनमें दूध एवं दुग्ध उत्पादों के 236 नमूने शामिल हैं। दोषी पाए जाने पर संबंधित आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्ट्रीट फूड वेंडर्स पर विशेष ध्यान
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि इंदौर अपनी भोजन और स्ट्रीट फूड संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए यहां विशेष सतर्कता आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी स्ट्रीट फूड वेंडर्स को फूड सेफ्टी ट्रेनिंग, जागरूकता कार्यक्रम और सर्टिफिकेशन से जोड़ा जाए। साथ ही, उनकी नियमित निगरानी भी सुनिश्चित की जाएगी।
ईट राइट चैलेंज में देश में अव्वल
बैठक में बताया गया कि ईट राइट चैलेंज-4 के डैशबोर्ड के अनुसार इंदौर देश में पहले स्थान पर है। इससे पहले भी ईट राइट चैलेंज-1 और 3 में इंदौर राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्थान हासिल कर चुका है।




