Wed, Jul 30, 2025
33.1 C
Gurgaon

भारतीय इतिहास, संस्कृति और संविधान पर उदयपुर में मंथन करेंगे देश भर के युवा इतिहासकार

उदयपुर, 2 फ़रवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के तत्वावधान में नवम युवा इतिहासकार राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 8-9 फरवरी 2025 को उदयपुर के जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय में किया जाएगा। संगोष्ठी का मुख्य विषय “भारतीय इतिहास, संस्कृति और संविधान” रहेगा।

संगोष्ठी के समन्वयक विद्यापीठ के संघटक साहित्य संस्थान के निदेशक डॉ. जीवन सिंह खरकवाल ने बताया कि यह आयोजन भारतीय इतिहास और संस्कृति के गहन अध्ययन व विमर्श को प्रोत्साहित करने की दिशा में किया जा रहा है। कार्यक्रम में देशभर से इतिहासकार, शोधार्थी व विषय-विशेषज्ञ भाग लेंगे। अब तक 175 से अधिक युवाओं ने इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण करा लिया है। विद्यापीठ के कुलपित प्रो. एसएस सारंगदेवोत व भारतीय इतिहास संकलन समिति के क्षेत्रीय संगठन मंत्री छगनलाल बोहरा के मार्गदर्शन में तैयारियां जारी हैं।

संगोष्ठी के सहसमन्वयक डॉ. विवेक भटनागर ने बताया कि उदयपुर में होने जा रही नवम युवा इतिहासकार राष्ट्रीय संगोष्ठी में “भारतीय इतिहास, संस्कृति और संविधान” विषय पर गहन चर्चा होगी। इस संगोष्ठी के अंतर्गत विभिन्न उप-विषयों पर विद्वान अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। भारतीय संस्कृति और उसके आधारभूत विचारों के साथ-साथ प्राचीन ग्रंथों में संवैधानिक प्रथाओं का उल्लेख और उनका वर्तमान संदर्भ में महत्त्व समझाया जाएगा।

प्राचीन भारतीय राजनीतिक दर्शन में राजधर्म और भारतीय राजनीतिक दर्शन में धर्म के सिद्धांत को लेकर ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जाएगा। शासन में धर्म की भूमिका और इसका ऐतिहासिक प्रभाव भी चर्चा का मुख्य बिंदु रहेगा। भारतीय न्यायशास्त्र प्रणाली और प्राचीन ग्रंथों में न्याय के सिद्धांतों का आधुनिक संवैधानिक ढांचे से संबंध विश्लेषण का विषय बनेगा। इसके अतिरिक्त, अर्थशास्त्र और उसका आधुनिक भारतीय राजनीतिक दर्शन पर प्रभाव, भारतीय इतिहास में राजव्यवस्थाओं का ऐतिहासिक दृष्टिकोण, संविधान के दार्शनिक आधार और प्राचीन भारत से प्राप्त दृष्टिकोण पर गहन मंथन होगा।

प्राचीन भारतीय गणराज्यों में लोकतांत्रिक सिद्धांतों के विकास को वर्तमान लोकतंत्र से जोड़कर देखा जाएगा। महाभारत में शासन के आदर्शों और संविधान में उनके अनुप्रयोग को भी इस विमर्श का हिस्सा बनाया जाएगा। भारतीय राजनीतिक दर्शन में शासक की भूमिका, धर्म से संविधानवाद तक के सफर को ऐतिहासिक संदर्भों में समझने का प्रयास किया जाएगा। समानता और न्याय की भूमिका तथा उनका भारतीय संविधान में समावेश भी इस चर्चा का महत्त्वपूर्ण पहलू रहेगा।

भारतीय नैतिकता का आधुनिक संवैधानिक ढांचों पर प्रभाव और भारतीय न्यायशास्त्र प्रणाली के आधुनिक संवैधानिक डिज़ाइन पर प्रभाव को भी गंभीरता से समझाया जाएगा। भारतीय संविधान के निर्माण में शामिल प्रमुख व्यक्तित्वों की भूमिका, विशेष रूप से डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को व्यापक दृष्टि से प्रस्तुत किया जाएगा। उनके राजधर्म की व्याख्या और संविधान पर इसके प्रभाव को भी विस्तार से समझने का अवसर मिलेगा।

रामराज्य के दृष्टिकोण और आधुनिक भारतीय संवैधानिक शासन में इसके परावर्तन को लेकर भी चर्चा की जाएगी। इस संगोष्ठी के दौरान भारतीय इतिहास, संस्कृति और संविधान के विभिन्न पहलुओं पर गहन विमर्श होगा, जिससे इन विषयों की समग्र समझ विकसित करने में सहायता मिलेगी।

समितियों का गठन

-संगोष्ठी में देश भर से आने वाले युवा शोधार्थियों, इतिहासकारों के मद्देनजर आवास, भोजन, आवागमन आदि व्यवस्थाओं के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। तैयारियों के तहत सेक्टर-4 स्थित विश्व संवाद केन्द्र में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गईं।

Hot this week

Archita phukan का वायरल वीडियो लिंक, क्या है नजारा?

असम की सोशल मीडिया सनसनी Archita phukan, उर्फ बेबीडॉल आर्ची, ने ‘डेम अन ग्रर’ पर बोल्ड डांस वीडियो से इंटरनेट पर धूम मचा दी। लेकिन MMS लीक और पॉर्न इंडस्ट्री की अफवाहों ने विवाद खड़ा कर दिया। वीडियो में क्या है नजारा, और क्या है सच?

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories