छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राइजिंग एंड एक्सीलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP) योजना के तहत जगदलपुर में एक विशेष जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम शुक्रवार को कलेक्टोरेट के प्रेरणा कक्ष में आयोजित हुआ।
इस अवसर पर एमएसएमई मंत्रालय की RAMP योजना की संचालक अंकिता पांडे ने कहा कि यह योजना बस्तर के स्थानीय उद्योगों को पर्यावरण-अनुकूल दिशा देने और उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
♻️ ग्रीन पैकेजिंग पर विशेष फोकस
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों तथा स्व-सहायता समूहों को ग्रीन पैकेजिंग की आधुनिक तकनीकों से जोड़ना था। भारतीय गुणवत्ता परिषद और CIPET रायपुर के विशेषज्ञों ने बताया कि स्थानीय संसाधनों से बनाए गए इको-फ्रेंडली पैकेजिंग उत्पाद न केवल पर्यावरण बचाते हैं बल्कि बाजार में उत्पादों की मांग भी बढ़ाते हैं।
💼 उद्यमियों को वित्तीय सुरक्षा भी
अंकिता पांडे ने बताया कि रैम्प योजना के तहत विलंबित भुगतान, डिजिटल मार्केटिंग और निर्यात सहायता जैसी समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा, जिससे MSME इकाइयों को वित्तीय स्थिरता मिलेगी।
🌍 बस्तर को मिलेगा वैश्विक पहचान
जिला पंचायत सीईओ प्रतीक जैन ने कहा कि ग्रीन पैकेजिंग से बस्तर के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान मिलेगी। वहीं एमएसएमई विभाग के अरविंद तिवारी ने उद्यमियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
📈 उद्यमिता को मिलेगा नया आयाम
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक लक्ष्मी वैद्य ने बताया कि RAMP योजना के तहत निर्यात प्रशिक्षण, डिजिटल मार्केटिंग, स्टार्टअप सपोर्ट और वित्तीय पहुंच जैसे कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।




