📍 बाराबंकी, 13 जून (हि.स.) — जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पी.जी. कॉलेज में शुक्रवार को “पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति: वर्तमान चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी, लखनऊ व कॉलेज के संयुक्त प्रयास से संपन्न हुआ।
🎓 उद्घाटन समारोह
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ। अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो.(डॉ.) सीताराम सिंह ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पंजाबी अकादमी के निदेशक ओम प्रकाश सिंह उपस्थित रहे। वक्ताओं में प्रो. रंजीत कौर, प्रो. विजय कुमार वर्मा, प्रो. अनिल कुमार विश्वकर्मा और अजय कुमार पाण्डेय शामिल रहे।
📌 प्रमुख चर्चा बिंदु
प्राचार्य डॉ. सिंह ने विश्वविद्यालयों में पंजाबी विभाग की अनुपस्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि भारतीय भाषाओं का संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने कॉलेज में पंजाबी विषय की पढ़ाई शुरू कराने का आश्वासन दिया। साथ ही भाषा को बढ़ावा देने हेतु डिजिटल प्लेटफॉर्म्स—जैसे यूट्यूब और सोशल मीडिया—के उपयोग की सिफारिश की।
📚 विद्वानों के विचार
प्रो. वर्मा ने पंजाबी साहित्य के ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डाला, जबकि प्रो. रंजीत कौर ने वर्तमान चुनौतियों का विश्लेषण किया। निदेशक ओम प्रकाश सिंह ने सरकार द्वारा पंजाबी के उत्थान हेतु किए गए प्रयासों की जानकारी दी।
👥 भागीदारी
इस संगोष्ठी में 400 से अधिक छात्र, शोधार्थी और पंजाबी भाषी नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. अनिल कुमार विश्वकर्मा ने किया।