Wed, Jun 18, 2025
32 C
Gurgaon

“जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय” – आत्मचिंतन की अलख जगाने वाले संत कबीर की जयंती आज

📍 वाराणसी, 11 जून (हि.स.)“बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय”
— यह दोहा न केवल संत कबीर के गहन चिंतन का परिचायक है, बल्कि आज भी आत्मावलोकन की प्रेरणा देता है। मध्यकालीन भारत के महान संत-कवि कबीरदास की जयंती आज ज्येष्ठ पूर्णिमा (11 जून) को मनाई जा रही है।

🕯️ कबीर का दर्शन – स्वयं की ओर झांकने की सीख
कबीर कहते हैं कि दुनिया को दोष देने से बेहतर है कि हम अपने भीतर झांकें। यह दोहा जीवन के हर क्षेत्र में आत्मचिंतन, विनम्रता और सुधार की प्रेरणा देता है। समाज में व्याप्त अंधविश्वास, कर्मकांड और बाह्य आडंबरों के कटु आलोचक कबीर, सादगी और सहजता के प्रतीक बनकर उभरे।

📜 जीवन और भाषा

  • संत कबीर ने देशाटन कर समाज को अपनी वाणी से जागरूक किया।
  • ब्रज, अवधी, पंजाबी, राजस्थानी और अरबी-फारसी के शब्दों से मिश्रित उनकी भाषा अत्यंत सरल, सहज और जन-मन की थी।
  • उनकी प्रमुख रचनाएं साखी, सबद और रमैनी हैं, जिनमें गूढ़ विचारों को जनभाषा में कहा गया है।

🗓️ जन्म और उद्देश्य

  • माना जाता है कि उनका जन्म विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) में काशी के लहरतारा ताल के पास हुआ था।
  • उनका जीवन समाज सुधार, धर्मनिरपेक्षता, और गुरु-भक्ति को समर्पित था।
  • उन्होंने कर्मकांडी ब्राह्मणवाद, कट्टरता और पाखंड के विरुद्ध स्पष्ट वाणी में आलोचना की।

📖 प्रसंग: गृहस्थ जीवन का रहस्य
एक बार एक गृहस्थ व्यक्ति ने उनसे पूछा कि उसके घर में अक्सर झगड़े क्यों होते हैं?
कबीर ने प्रतीकों के माध्यम से उत्तर दिया—दोपहर में लालटेन मंगवाई, पत्नी ने बिना सवाल किए ला दी। मीठा मंगवाया, नमकीन लाई, फिर भी उन्होंने प्रतिक्रिया नहीं दी।
इसके बाद कबीर ने कहा—“गृहस्थ जीवन में यदि एक गलती करे तो दूसरा सहन कर ले; तब ही सुखमय जीवन संभव है।”

🔔 नज़र रखें:
कबीर जयंती पर यह संदेश प्रासंगिक है कि परिवर्तन की शुरुआत स्वयं से करें, दूसरों को दोष देने से पहले अपने भीतर झांके, और समाज में प्रेम, सहिष्णुता व भाईचारे की भावना को जीवित रखें।
संत कबीर की वाणी आज भी उतनी ही प्रभावशाली है, जितनी वह सदियों पहले थी।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories