कांगड़ा वैली कार्निवल को मिला सरकारी दर्जा, पर्यटन को मिलेगी नई पहचान : देवेन्द्र जग्गी
धर्मशाला। धर्मशाला नगर निगम के पूर्व महापौर देवेन्द्र जग्गी ने कहा कि कांगड़ा जिले के लिए यह एक गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है कि कांगड़ा वैली कार्निवल को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से सरकारी उत्सव का दर्जा प्रदान किया गया है। सरकार द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद यह कार्निवल अब हर वर्ष 24 से 31 दिसंबर तक पुलिस मैदान, धर्मशाला में नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा।
अब स्थायी तिथि और पर्याप्त बजट
देवेन्द्र जग्गी ने कहा कि अब तक कांगड़ा वैली कार्निवल का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर किया जाता था, जिसके कारण बजट की सीमाएं और आयोजन की तिथियों में अस्थिरता बनी रहती थी। कभी यह उत्सव सितंबर में तो कभी नवंबर में आयोजित होता था, जिससे पर्यटकों और आयोजकों दोनों को असुविधा होती थी।
सरकारी दर्जा मिलने के बाद अब यह आयोजन प्रदेश सरकार के वार्षिक आधिकारिक कैलेंडर का स्थायी हिस्सा बन गया है। इससे न केवल आयोजन के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध होगा, बल्कि कार्निवल को भव्य और सुव्यवस्थित स्वरूप भी मिलेगा।
पर्यटन के लिए रणनीतिक समय का चयन
पूर्व महापौर ने कहा कि 24 से 31 दिसंबर की अवधि तय किया जाना एक दूरदर्शी निर्णय है। इस दौरान क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक धर्मशाला और कांगड़ा घाटी पहुंचते हैं। ऐसे में कांगड़ा वैली कार्निवल पर्यटकों के लिए एक अतिरिक्त और विशिष्ट आकर्षण बनेगा।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बड़ा लाभ
देवेन्द्र जग्गी ने कहा कि इस कार्निवल के माध्यम से कांगड़ा जिले में पर्यटन गतिविधियों को नई गति मिलेगी। होटल व्यवसाय, टैक्सी ऑपरेटर, रेस्टोरेंट, हस्तशिल्प विक्रेता, स्थानीय व्यापारी और स्वरोजगार से जुड़े लोगों को इससे प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ पहुंचेगा। उन्होंने इसे कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।
रंगारंग कार्यक्रम होंगे आकर्षण का केंद्र
उन्होंने बताया कि कांगड़ा वैली कार्निवल के दौरान
- ड्रोन शो
- फैशन शो
- रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम
- मैराथन और खेल प्रतियोगिताएं
- मिलेट फेस्टिवल
- स्थानीय कला एवं हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए क्राफ्ट बाजार
जैसे कई आकर्षक आयोजन किए जाएंगे। इससे न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर मंच भी प्राप्त होगा।




