नई दिल्ली, 17 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म मामले में ट्रायल कोर्ट से दोषी ठहराए जा चुके भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की स्वास्थ्य के आधार पर मिली अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया। जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि पहले कुलदीप सिंह सेंगर 20 जनवरी को सरेंडर करें। उसके बाद इस पर सुनवाई होगी। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 27 जनवरी मुकर्रर की।
आज इस मामले की सुनवाई से जस्टिस धर्मेश शर्मा ने खुद को अलग कर लिया। उन्होंने कहा कि तीस हजारी कोर्ट में उन्होंने इस मामले पर फैसला सुनाया था। इसलिए वे इस मामले से खुद को अलग कर रहे हैं। उसके बाद जस्टिस प्रतिभा सिंह ने कहा कि इस मामले को उस बेंच में लिस्ट किया जाए जिस बेंच में जस्टिस धर्मेश शर्मा शामिल नहीं हों। तब कुलदीप सेंगर के वकील ने अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि एम्स ने 24 जनवरी को मोतियाबिंद के आपरेशन की तिथि तय की है। तब जस्टिस प्रतिभा सिंह ने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार करते हुए कहा कि पहले आप सरेंडर करें, उसके बाद हम अर्जी पर विचार करेंगे। एम्स आपको आपरेशन की दूसरी तिथि देगा।
16 जनवरी को सिंगल बेंच ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में कुलदीप सेंगर की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग पर सीबीआई को नोटिस जारी किया था। जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने सीबीआई के मेडिकल रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कुलदीप सेंगर की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया था कि एम्स के डॉक्टरों ने कुलदीप सिंह सेंगर के मोतियाबिंद का आपरेशन 24 जनवरी को तय किया है। उसके बाद कोर्ट ने सीबीआई को कुलदीप के मेडिकल रिपोर्ट को वेरिफाई कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट ने कुलदीप को स्वास्थ्य के आधार पर 20 जनवरी 2025 तक सजा को निलंबित करने का भी आदेश दिया था । सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। वह अभी लंबित है। 16 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर समेत सभी सातों आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी । चार जून, 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था। उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था।
20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।