कुरुद के चित्रकार बसंत साहू राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित, राष्ट्रपति मुर्मु ने किया गौरवान्वित
धमतरी, 4 दिसंबर। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कुरुद निवासी प्रसिद्ध चित्रकार बसंत साहू को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया। उन्हें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन श्रेणी में प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।
52 वर्षीय बसंत साहू 95% दिव्यांग हैं और पिछले लगभग 30 वर्षों से व्हीलचेयर पर बैठकर कला साधना कर रहे हैं। उनकी पेंटिंग्स सौंदर्य, संवेदनशीलता और गहराई का अनोखा मिश्रण मानी जाती हैं। एक पेंटिंग बनाने में उन्हें 4–5 दिन लगते हैं, लेकिन उनकी रचनाओं में जीवन संघर्ष की शक्ति और आत्मविश्वास झलकता है। वे आज लाखों दिव्यांगजन के लिए प्रेरणा का मजबूत स्रोत बन चुके हैं।
पुरस्कार मिलने पर बसंत साहू ने कहा—
“शरीर सीमित हो सकता है, पर आत्मा की उड़ान अनंत होती है। यह पुरस्कार मेरी मां की तपस्या और लोगों के प्रेम का प्रतिफल है।”
बसंत के सम्मान पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विधायक अजय चंद्राकर, नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति भानु चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में नगरवासियों और बसंत फाउंडेशन के सदस्यों ने खुशी व्यक्त की।
दिव्यांगजन को दया नहीं, सम्मान की आवश्यकता — राष्ट्रपति
इसी समारोह में एक अन्य दिव्यांग कलाकार गायत्री गुप्ता को भी सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा—
“समाज तभी विकसित कहलाता है जब दिव्यांगजनों को समान सम्मान मिले। उनके साथ दया नहीं, गरिमा का व्यवहार होना चाहिए।”
बसंत साहू की अथाह प्रतिभा और दृढ़ इच्छाशक्ति ने न सिर्फ उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई है, बल्कि पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है।



