🚜 कुसहरा गांव में छुट्टा पशुओं का कहर
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के जंगल कौड़िया क्षेत्र अंतर्गत कुसहरा गांव और आसपास के करीब दो दर्जन गांवों में इन दिनों छुट्टा पशुओं की समस्या किसानों के लिए गंभीर संकट बन गई है। सैकड़ों की संख्या में घूम रहे पशुओं के झुंड खेतों में घुसकर गेहूं, जौ, सरसों, आलू, मटर, दलहन और तिलहन जैसी रबी फसलों को रौंद रहे हैं।
राप्ती और रोहिन नदियों के बीच बसे इस तलहटी क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसलें पहले ही बर्बाद हो चुकी हैं। किसानों का कहना है कि महीनों की मेहनत और कर्ज लेकर की गई खेती कुछ ही घंटों में नष्ट हो जाती है।
🌾 कर्ज में डूबते किसान
कुसहरा गांव के किसान राम सिंह, विजय सिंह, शंभू गौड़ और राकेश गुप्ता बताते हैं कि बीज, खाद, सिंचाई और मजदूरी पर भारी खर्च हुआ है। अच्छी पैदावार से कर्ज चुकाने की उम्मीद थी, लेकिन छुट्टा पशुओं ने सब चौपट कर दिया।
🔦 रातभर पहरा, फिर भी नुकसान
किसान ठंड में भी रात-रात भर अलाव, टॉर्च और डंडे लेकर खेतों की रखवाली कर रहे हैं। कई बार बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को भी निगरानी में लगाना पड़ रहा है, जिससे पढ़ाई और घरेलू जीवन प्रभावित हो रहा है।
📢 प्रशासन से मदद की गुहार
किसानों ने प्रशासन से गौशालाओं की संख्या बढ़ाने, पहले से मौजूद गौशालाओं की क्षमता सुधारने और नियमित रूप से पशुओं को पकड़कर वहां भेजने की मांग की है। साथ ही, फसल क्षति के बदले मुआवजे की भी मांग की गई है।
उप जिलाधिकारी ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी गौशालाएं बनाई जाएंगी, ताकि पशुओं को खेतों से दूर रखा जा सके।




