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प्रख्यात सितार वादक पं.परशुराम पाठक को पद्म पद से सम्मानित करने को प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

झांसी, 6 जनवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय बौद्ध शोध संस्थान के उपाध्यक्ष हरगोविन्द कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मैहर घराने के सुप्रसिद्ध सितार वादक को पद्म पद से सम्मानित किए जाने का निवेदन किया है।

श्री कुशवाहा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए निवेदन किया कि मैहर घराने के अनूठे स्वरसाधक सितार वादक पं. परशुराम पाठक ने सितार वादन में राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन किया है। वह मैहर घराने के बाबा अलाउद्दीन खां साहब के शिष्य पं पन्नालाल जैन से शिक्षा प्राप्त करके साधना में लगे रहे।मैहर घराने के संगीत रत्नों में पं. रविशंकर ,पन्नालाल घोष, निखिल बनर्जी, एस डी डेविड आदि की परंपरा के संगीतकार है।देश के कई दिग्गज कलाकारों एवं संगीत की महत्वपूर्ण हस्तियों के साथ उन्होंने सितार वादन किया है एवं उनकी इस कला पर संस्कार भारती झाँसी द्वारा “नटराज” की उपाधि एवं प्रभुरामलाल संगीत महाविद्यालय झाँसी द्वारा “नाद श्री” की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। श्री पाठक आकाशवाणी की चयन समिति में निर्णायक भी रह चुके हैं।

बुंदेलखंड के झाँसी जनपद की गरौठा तहसील के ग्राम खड़ौरा में जन्मे संगीतगुरु पं परशुराम पाठक बेसिक शिक्षा परिषद में सम्मानजनक शिक्षक रहे,जिनके शिष्य बड़े बड़े पदों पर सेवा दे रहे हैं। उन्होंने झाँसी जिले के गुरसराय में प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज से सम्बद्ध मैहर घराने की गुरुकुल विद्या पीठ माँ शारदा संगीत विद्यालय की स्थापना की। जिसके द्वारा हजारों शिष्यों को निशुल्क शिक्षा देकर भारतीय शास्त्रीय संगीत का प्रसार प्रचार किया जा रहा है। इनकी गुरुकुल पीठ को उनके पुत्र एवं शिष्य सितार वादक पं सरजू शरण पाठक संचालित कर रहे है।इनके शिष्य आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर देश विदेश में नाम रोशन कर रहे है। गुरुकुल पद्धति से निःशुल्क शिक्षा देने वाले बुंदेलखंड के एक मात्र सितारवादक हैं।झाँसी महोत्सव, अयोध्या झूला उत्सव ,ओरछा महोत्सव, एरच महोत्सव ,आकाशवाणी जैसे बड़े बड़े मंचों पर सितार वादन किया। साथ ही संगीत को बढ़ावा देने लिए संगीत के कई कार्यक्रम वर्ष में आयोजित करते रहते हैं। 85 वर्ष की अवस्था मे सितार की साधना में लगातार निमग्न रहने वाले एवं 65 वर्षो से नित्य अयोध्या धाम में झूला उत्सव में सितार वादन करने वाले संगीतगुरु पं परशुराम पाठक को शासन द्वारा सम्मानित किए जाने से समूचे बुंदेलखंड का गौरव बढ़ेगा।

लिखा कि इस पत्र के साथ श्री पाठक जी का संगीत कला साधना का विवरण संलग्न किया जा रहा है। उन्होंने निवेदन किया कि पं. परशुराम पाठक को भारत सरकार द्वारा प्रदान किये जाने वाले “पद्म’ पद जिनके पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाए।

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