हिन्दू समाज की विकृति को दूर करने के लिए काम कर रही विहिप
महाकुंभनगर,21 जनवरी (हि.स.)। आर्थिक विषमता के कारण धर्मान्तरण बढ़ रहा है। कम्युनिस्ट व ईसाई मिशनरियां इसका लाभ उठाकर धर्मान्तरण कराने का काम करती हैं। यह बातें विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री व सामाजिक समरसता अभियान के प्रमुख देवजी भाई रावत ने महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 17 में आयोजित अखिल भारतीय संत समागम को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित समाज के बंधुओं को वैचारिक षड़यंत्र के तहत धर्म से विमुख करने का प्रयास हो रहा है। अनुसूचित जाति व जनजाति छात्रावासों में पढ़ने वाले बच्चों से सम्पर्क का काम चल रहा है।
देवजी भाई रावत ने संत समागम में कहा कि
विश्व हिन्दू परिषद हिन्दू समाज की विकृति को दूर करने के लिए गत 60 वर्षों से काम कर रही है। देशभर में समरसता संगोष्ठी के माध्यम से वैचारिक जागरण करने का काम हो रहा है। अनुसूचित समाज के युवा अपने पैरों पर खड़े हो सकें इसके लिए उन्हें हुनर सिखाने के लिए काम हो रहा है। प्रत्येक जिले में ऐसे बेरोजगार युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए ट्रेनिंग सेन्टर प्रारम्भ किये गये हैं।
हिन्दू परिवार मित्र योजना विहिप की ओर चल रही है। प्रत्येक जिले में 500 परिवारों को चिन्हित किया जा रहा है। प्रत्येक जिले में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता सेवा बस्ती के एक—एक परिवार को गोद लेकर हिन्दू परिवार मित्र बनायेंगे। महापुरूषों की जयंतियां मनाई जा रही हैं। सपरिवार जाना और उनको अपने यहां बुलाना। छुआछूत शास्त्र आधारित नहीं है। हम सब हिन्दू आपस में भाई—भाई हैं।
देवजी भाई रावत ने बताया कि समरस समाज समर्थ भारत ऐसा संदेश लेकर विश्व हिन्दू परिषद सामाजिक समरसता अभियान की ओर से सामाजिक समरसता यात्रा निकाली गयी है। इस दौरान सेवा बस्तियों में समरसता संगोष्ठी,समरसता महायज्ञ व संतों की पदयात्राएं भी हुई हैं।