भोपाल: मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। बुधवार रात छिंदवाड़ा की उमरेठ तहसील के पचधार गांव के तीन वर्षीय मयंक सूर्यवंशी ने नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद मृतक बच्चों की संख्या 22 हो गई है। इनमें 19 बच्चे छिंदवाड़ा, दो बैतूल और एक पांढुर्णा जिले के थे। सभी की उम्र 8 साल से कम है।
मामले की जांच में कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के निदेशक गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तार किया गया। छिंदवाड़ा पुलिस और विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने चेन्नई में दबिश देकर उसे पकड़ा। टीम ने कंपनी से दस्तावेज, दवाओं के नमूने और उत्पादन रिकॉर्ड भी जब्त किए। रंगनाथन को अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड के बाद छिंदवाड़ा लाया जाएगा।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि कंपनी ने गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की थी। तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल की रिपोर्ट में सामने आया कि सिरप नॉन-फार्मास्यूटिकल ग्रेड केमिकल से तैयार किया गया था। कंपनी ने दो बार में प्रोपलीन ग्लायकॉल के 50-50 किलो बैग खरीदे, जिसका कोई बिल या रिकॉर्ड नहीं था।
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि लोग कोल्ड्रिफ कफ सिरप का उपयोग तुरंत बंद करें और अपने बच्चों को चिकित्सीय सहायता दें। एसआईटी और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कंपनी के वितरण नेटवर्क और दवा दुकानों की भी जांच की जा रही है।
मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए मामले की निगरानी तेज कर दी है। प्रारंभिक कार्रवाई में आगे और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।