काठमांडू, 18 दिसंबर (हि.स.)। नेपाल में 8 और 9 सितंबर को हुए जेन-जी आंदोलन के दौरान हुई तोड़फोड़ और मानव क्षति की जांच कर रहा आयोग अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। जांच आयोग ने अगले सप्ताह देश के वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के बयान दर्ज करने की तैयारी कर ली है। आयोग के अध्यक्ष गौरी बहादुर कार्की ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के बयान अगले सप्ताह दर्ज किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री से मुलाकात, समय-सीमा बढ़ाने का अनुरोध
आयोग का कार्यकाल समाप्ति के करीब पहुंचने के चलते आयोग के पदाधिकारियों ने बुधवार को प्रधानमंत्री सुशीला कार्की से मुलाकात कर जांच की समय-सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया। आयोग अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के बयान दर्ज करने और रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए वर्तमान समय पर्याप्त नहीं है।
सुरक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों के बयान पूरे
गौरी बहादुर कार्की ने बताया कि आयोग पहले ही सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों और प्रशासनिक अधिकारियों के बयान दर्ज कर चुका है। अब जांच का फोकस राजनीतिक स्तर पर निर्णय प्रक्रिया और घटनाओं से जुड़े पहलुओं पर केंद्रित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि रविवार से राजनीतिक नेताओं को बयान के लिए बुलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इन बयानों के बाद आयोग रिपोर्ट का अंतिम मसौदा तैयार करेगा।
जेन-जी समूह से हुए समझौते का हवाला
आयोग अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि जेन-जी समूह के साथ हुए समझौते के तहत कुछ अधिकार क्षेत्र से जुड़े मामलों पर अभी और काम किया जाना बाकी है। इसी कारण संशोधित कार्यादेश के तहत अतिरिक्त समय की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
रिपोर्ट जल्द, लेकिन समय बढ़ाना जरूरी
आयोग का मानना है कि ओली, रमेश लेखक और अन्य नेताओं के बयान दर्ज होने के बाद ही जांच रिपोर्ट को निष्पक्ष और तथ्यात्मक रूप से अंतिम रूप दिया जा सकेगा। इसी उद्देश्य से आयोग ने सरकार से समय-सीमा विस्तार का अनुरोध किया है।




