नेक्स्ट जेनरेशन GST सुधारों से घर, व्यापार और आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा लाभ
प्रयागराज, 26 सितंबर। 22 सितंबर 2025 से लागू हुए नेक्स्ट जेनरेशन GST सुधार देशवासियों के लिए आर्थिक राहत और बचत के नए अवसर लाए हैं। ये सुधार केवल टैक्स दरों में बदलाव तक सीमित नहीं हैं, बल्कि किसान, महिला, युवा, व्यापारी, लघु एवं कुटीर उद्योग सभी वर्गों को लाभ पहुंचाएंगे।
घर की बचत और रोजमर्रा की राहत
आवश्यक वस्तुएं जैसे खाद्य सामग्री, साबुन, टूथपेस्ट, दवाइयां और स्वास्थ्य बीमा अब या तो टैक्स-फ्री होंगी या 5% दर पर उपलब्ध होंगी। मध्यम वर्ग और युवा वर्ग छोटे वाहन, शिक्षा सामग्री और घरेलू निर्माण सामग्री पर राहत महसूस करेंगे।
व्यापार और MSME सेक्टर में सशक्तिकरण
छोटे और मझोले उद्योगों के लिए सरल टैक्स प्रणाली लागू की गई है, जिससे संचालन आसान होगा और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। व्यवसाय नवाचार और आर्थिक गतिविधियों में तेजी का लाभ उठाएंगे।
आर्थिक प्रभाव
सुधारों से लगभग ₹48,000 करोड़ की राजस्व हानि हो सकती है, लेकिन 40% उच्च दर वाली वस्तुओं से ₹45,000 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। SBI के अनुसार उपभोक्ता खर्च में ₹70,000 करोड़ की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे कुल मांग में ₹1.98 लाख करोड़ का इजाफा होगा।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा
सुधार स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित, MSME सेक्टर को मजबूत और युवाओं के रोजगार के अवसर बढ़ाने में सहायक हैं। जब देशवासियों द्वारा स्वदेशी उत्पाद खरीदे जाते हैं, तो यह आत्मनिर्भर भारत अभियान को तेज गति देता है।
निष्कर्ष
GST सुधार घर की जेब तक राहत पहुंचाते हैं, उद्योग और व्यापार के लिए संचालन आसान बनाते हैं और आर्थिक स्थिरता व सामाजिक समृद्धि में योगदान देते हैं।