Thu, Jan 23, 2025
15 C
Gurgaon

तीन सालों से जारी है युद्ध, महाकुम्भ से शांति का संदेश दे रहे हैं यूक्रेन-रूस के संत

महाकुम्भ नगर, 23जनवरी(हि. स.)। तीन सालों से भले ही रूस और यूक्रेन के बीच भयानक युद्ध चल रहा हो, लेकिन महाकुम्भ से इन दोनों देश के संत शांति का संदेश दे रहे हैं। जहां दोनों देश के नागरिक आपस में एक दूसरे के दुश्मन बन बैठे हैं, वहीं महाकुम्भ में एक साथ आध्यात्मिक चर्चा करते नज़र आ रहे हैं और भारतीय आध्यात्मिक चेतना दोनों देशों को महाकुम्भ से एकत्व का संदेश दे रहे हैं।

दरअसल, सेक्टर 18 में पायलट बाबा के दो शिष्य यूक्रेन के स्वामी विष्णुदेवानंद गिरिजी महाराज और रूस की आनंद लीला माता एक ही मंच से प्रेम, शांति और करुणा पर प्रवचन दे रहे हैं। इस शिविर में न केवल भारत के बल्कि कई देशों से भक्त उनके प्रवचन को सुनने के लिए आ रहे हैं। सबसे अहम बात यह है कि तीन सालों से एक दूसरे को मरने-मारने पर आमादा यूक्रेन और रूस के नागरिक यहां एक साथ रहते हैं। दोनों देशों के करीब 70 से अधिक नागरिकों का यहां खाना-रहना सब एक साथ हो रहा है।

पायलट बाबा के शिविर में यूक्रेन के स्वामी विष्णुदेवानंद गिरिजी महाराज और रूस की आनंद लीला माता के उपदेशों में करुणा, शांति और जीवन में कैसे आध्यात्मिकता से जिया जाय, इसकी चर्चा होती है। दोनों संत आध्यात्मिक सत्य की सार्वभौमिक प्रकृति पर जोर देते हुए अपने देशों के व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हैं। साथ ही युद्ध की से बनी परिस्थितियों के बीच शांति और एकता का संदेश देते हैं।

उल्लेखनीय है कि स्वामी विष्णुदेवानंद गिरिजी महाराज जूना अखाड़े के महामंडलेश्‍वर हैं, जो कि यूक्रेन के खारकीव के निवासी हैं, और पहले उन्हें वैलेरी के नाम से जाना जाता था। अध्यात्म को जानने की जिज्ञासा उन्हें भारत खींच लाई और वह पायलट बाबा के शिष्य बन गए। अब जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं।

पश्चिमी रूस के नोवगोरोड की रहने वाली वोल्गा, सनातन परंपरा में ऐसी रचीं बसी कि अब वह यहीं की होकर रह गईं। 2010 में उन्हें जूना अखाड़ा का महामंडलेश्वर बनाया गया। आंनद माता का कहना है कि वह हर कुंभ मेले में आती रही हैं और यह उनकी पांचवीं कुम्भ यात्रा है। शिविर में युद्ध से प्रभावित देशों में शांति के लिए विशेष प्रार्थना की जाती है। यूक्रेन और रूस के दोनों संत एक ही मंच से विश्व शांति और युद्ध से प्रभावित देशों के लिए विशेष प्रार्थना करते हैं। महाकुम्भ में किस तरह सनातन संस्कृति लोगों को एकत्व का संदेश दे रही है, इसका जीवंत उदाहरण तब दिखाई पड़ता है। जब रूस और यूक्रेन के नागरिक बिना किसी हिचक के सद्भाव में एक साथ रहते हैं और अपनी आध्यात्मिक चेतना को जाग्रत कर रहे हैं।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

OnePlus 13 के लॉन्च से पहले सामने आई पहली झलक, iPhone जैसे बटन के साथ मिलेगा कर्व्ड डिस्प्ले

वनप्लस अपने अपकमिंग फ्लैगशिप स्मार्टफोन की लॉन्च डेट कन्फर्म...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img