प्रयागराज की तीन गोशालाओं को बनाया जाएगा माडल गोशाला
प्रयागराज, 03 दिसंबर। उत्तर प्रदेश सरकार गोवंश संरक्षण और गोशालाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में प्रयागराज की तीन प्रमुख गोशालाओं को मॉडल गोशाला के रूप में विकसित किया जाएगा। यह जानकारी जिले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. शिवनाथ यादव ने दी।
उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर जिले की तीन बृहद गोशालाओं का चयन किया गया है। इनमें पहली गोशाला विकास खंड कोरांव के लतीफपुर गांव में स्थित है, जिसे मॉडल गोशाला बनाया जाएगा। दूसरी गोशाला विकास खंड माण्डा के देवरी गांव में स्थित बृहद गोशाला है। तीसरी चयनित गोशाला होलागढ़ विकास खंड के उमरी गांव में स्थित गंगानगर क्षेत्र की बृहद गोशाला है।
सुविधाओं में बढ़ोतरी और आर्थिक मजबूती पर जोर
डॉ. शिवनाथ यादव ने बताया कि मॉडल गोशाला के रूप में विकसित करते समय इन गोशालाओं में—
- गोवंश के लिए बेहतर चारे और पानी की व्यवस्था
- शेडों का विस्तार
- चिकित्सा सुविधाओं में सुधार
- गोबर व गौ-आधारित उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भरता
पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य इन गोशालाओं को ऐसी इकाइयों के रूप में विकसित करना है, जो गोवंश संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी सशक्त हों और अन्य गोशालाओं के लिए उदाहरण बन सकें।
गोशालाओं की बेहतरी को लेकर विशेष अभियान
शासन चाहती है कि गोशालाएं न सिर्फ संरक्षित गोवंश का पालन करें, बल्कि गौ-उत्पादों जैसे—
- जैव खाद
- गोमूत्र आधारित दवाएं
- गोबर से बने उत्पाद
के माध्यम से अपनी आय बढ़ाएं और आत्मनिर्भर बनें।
प्रयागराज में इन तीन गोशालाओं को मॉडल रूप में विकसित किए जाने से जिले में गोवंश संरक्षण व्यवस्था मजबूत होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा।




